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गुरुग्राम के पटौदी में अब क्रिसमस आयोजन में लगे जय श्री राम के नारे, मचा हड़कंप -इससे पहले खुले में नमाज को लेकर हुआ था बवाल

गुरुग्राम के पटौदी में अब क्रिसमस आयोजन में लगे जय श्री राम के नारे, मचा हड़कंप -इससे पहले खुले में नमाज को लेकर हुआ था बवाल

गुरुग्राम । हरियाणा के गुरुग्राम के पटौदी में एक स्कूल में चल रहे क्रिसमस के आयोजन में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब वहां पहुंचकर कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए गए। बताया जा रहा है कि बीच कार्यक्रम में लोगों के पहुंचने और जय श्री राम के नारे लगाने के बाद वहां हड़कंप मच गया।
स्कूल में कार्यक्रम के दौरान गरीब बच्चों को कंबल और खाना बांटा जाना था। बता दें कि पिछले कुछ महीने से गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद चल रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। खुल में नमाज पढ़ने के मामले में हरियाणा के डीजीपी और मुख्य सचिव के खिलाफ ​​याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस और प्रशासन अभद्र भाषा और सांप्रदायिक उकसावे के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे, जहां 'गुंडे' लोगों को नमाज अदा करने से रोकते हैं।
राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि गुरुग्राम पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता, नफरत फैलाने वाले भाषणों और घृणा अपराध को जन्म दे रही है। क्योंकि पुलिस उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जो मुसलमानों को जुमे की नमाज अदा करने से रोक रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज को खुले में रखने की अनुमति विशेष रूप से जगह और सुविधाओं की कमी के कारण दी गई थी।
खुले में नमाज का विरोध करते हुए हिंदू संगठनों का कहना है कि जिस सार्वजनिक जगह पर नमाज की जाती है, उस पर बाद में धर्म विशेष के लोग 'कब्जा' कर लेते हैं। काफी विवाद के बाद गुरुग्राम पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर 'नमाज' के स्थान तय किए थे। कहा गया था कि ये स्थान हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों द्वारा आपसी समझ के बाद तय किए गए हैं। 
बीते तीन महीनों से सेक्टर 47,सेक्टर 12 ए और अब सेक्टर 37 में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थानों पर खुले में नमाज़ का विरोध किया जा रहा है। विरोध के कारण शहर में शुक्रवार की नमाज की संख्या घटकर आधी रह गई है। जानकारी के मुताबिक पहले जहां शहर में 37 जगह शुक्रवार को नमाज अदा की जाती थी वहीं अब ये संख्या घटकर 19 रह गई है।
मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर उमर अब्दुल्ला के बयान सामने आए थे। सबसे पहले अनिल विज ने कहा था कि किसी को भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन खुले में नहीं करना चाहिए। इन कार्यक्रमों को हमेशा अंदर ही होना चाहिए। उन्होंने किसी विशेष धर्म की बात तो नहीं की, लेकिन स्पष्ट कर दिया कि खुले में धार्मिक कार्यक्रम होना ठीक नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर कोई कार्यक्रम आयोजित भी होता है, तो प्रशासन से पहले इजाजत लेना जरूरी है। बिना इजाजत ऐसा करना गलत है। 
इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि खुले में नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी को सुविधा मिलनी चाहिए (प्रार्थना करने के लिए) लेकिन किसी को भी दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। खट्टर के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि यह प्रतिबंध हर धर्म पर लगता तो अच्छा होता, लेकिन किसी धर्म विशेष को सोच-विचारकर चुनने की नीति से पता चलता है कि एक विशेष धर्म निशाने पर है। जम्मू कश्मीर ने इस भारत में विलय नहीं किया था। 
मामले में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने बयान में कहा, '95 प्रतिशत मुसलमान भारत के हिंदुओं से कन्वर्टेड हैं। चाहें तो आज भी डीएनए टेस्ट करवा लें। भारत को भी पाकिस्तान बनाने की साजिश है। बिहार में भी यदि खुले में और सड़कों पर नमाज होती है, तो इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।' इसके अलावा, मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद ने भी खुले में नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। सांसद ने कहा कि कहीं भी कोई खुले में नमाज पढ़े, यह अच्छी बात नहीं है। नमाज मस्जिद में या अपने में ही पढ़नी चाहिए। 
 

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