इस्लामाबाद । इमरान सरकार के बड़बोले मंत्री शेख राशिद फिर से प्रधानमंत्री इमरान के लिए ही परेशानी का कारण बन गए हैं। दरअसल, राशिद ने एक ऐसा बयान दिया है,जिससे इमरान की मुश्किलों को बढ़ाने का काम किया है।उन्होंने कहा है कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में विफल रही है। उनका ये बयान उस समय में आया है, जब देश की लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इमरान के खिलाफ एकजुट होकर लगातार उनपर हमलावर हो रही है।
इन विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि इमरान सरकार की गलत नीतियों की बदौलत देश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा है। देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है,और लाखों लोग भुखमरी के शिकार हो चुके हैं। विपक्ष इस बात का भी आरोप लगा रहा है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सरकार नाकाम रही है। साथ ही इमरान सरकार के आने के बाद देश का मान-सम्मान विश्व स्तर पर काफी गिर गया है।
बता दें कि शेख राशिद पहले भी कई बार इस तरह के बयान दे चुके हैं जिससे इमरान सरकार की मुश्किलें बढ़ी हैं।शेख राशिद का कहना है कि इमरान ने वादा किया था कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगेगी और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा, लेकिन, वहां अपने इस वादे को निभाने में नाकाम रहे हैं। ये बयान उन्होंने कराची में हुई एक प्रेसवार्ता के दौरान दिया है।उन्होंने यहां तक कहा कि देश में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की जड़ें काफी गहरी हैं। सरकार का उनपर कोई दबाव नहीं है।
शेख राशिद ने कहा कि लोग इसके लिए हमें दोष देते हैं लेकिन हकीकत ये है कि ये सबकुछ देश की पूर्व की सरकारों की बदौलत हुआ है। इसके बावजूद ये इस सरकार की गलती है कि वहां भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में नाकाम रही है। उन्होंने माना कि देश में मौजूदा समय में गैस की किल्लत बनी हुई है। ये एक सच्चाई है। मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि पाकिस्तान के पास हर रोज खाना पकाने के लिए भी गैस की पर्याप्त आपूर्ति नहीं है। हालांकि उन्होंने इसकी वजह कुछ और बताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वीट केक की तरह गैस कनेक्शन बांट दिए हैं, इसके चलते ये दिक्कत हुई है।
इसी मौके पर नवाज शरीफ पर पूछे सवाल के जवाब में शेख राशिद ने कहा कि वहां झूठ बोलकर ब्रिटेन चले गए और वहां पर उन्होंने आज तक किसी भी डाक्टर को नहीं कंसल्ट नहीं किया है। उन्होंने शरीफ पर आरोप लगाया कि उन्होंने न्यायपालिका पर हमला किया। उन्होंने सेना पर भी आरोप लगाए।
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शेख राशिद ने कहा, भ्रष्टाचार से निपटने में विफल रही इमरान सरकार