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जनसंख्या घटने से चिंतित चीन बच्चे पैदा करने वालों को देगा कर्ज -जिलिन प्रांत में छोटे व्यापारियों को टैक्स में राहत देने की तैयारी

जनसंख्या घटने से चिंतित चीन बच्चे पैदा करने वालों को देगा कर्ज -जिलिन प्रांत में छोटे व्यापारियों को टैक्स में राहत देने की तैयारी

बीजिंग । आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से चीन दुनिया के सबसे बड़े देशों में भले ही शुमार हो पर अब यहां के कई राज्यों ने घटती जनसंख्या के मद्देनजर लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते योजनाएं शुरू की हैं। जिलिन में बैक उन लोगों को कर्ज देंगे जो बच्चे पैदा करेंगे। उत्तर पूर्वी चीन के जिलिन प्रांत में शादीशुदा जोड़े अगर बच्चे पैदा करते हैं तो उन्हें दो लाख युआन का बैंक लोन मिल सकता है। देश की कम होती आबादी की समस्या से निपटने के लिए चीन के कई राज्यों ने ऐसी ही योजनाएं शुरू की हैं जिनमें बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को वित्तीय लाभ दिए जा रहे हैं। जिलिन प्रांत ने जो योजना शुरू की है उनमें ऐसे छोटे व्यापारियों को टैक्स में राहत दी जाने की भी बात है जिनके दो या तीन बच्चे हैं। पिछले हफ्ते जारी एक बयान में जिलिन प्रांत की सरकार ने इस योजना का ऐलान किया। पूरे देश में फिक्र चीन के तीन राज्यों जिलिन, लायोनिंग और हाइलॉन्गजियांग में जनसंख्या की समस्या विशेषतौर पर गंभीर है। यहां के लोग बड़ी संख्या में काम करने के लिए अन्य राज्यों में चले जाते हैं या फिर युवा लोग शादी अथवा बच्चे पैदा करना टाल रहे हैं।
2010 के मुकाबले 2020 में इस क्षेत्र की आबादी में 10.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। जिलिन में तो आबादी 12.7 फीसदी घट गई। इसी साल मई में चीन ने अपनी जनसंख्या नीति में बड़ा बदलाव करते हुए कहा था कि लोगों को दो के बजाय तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी। इससे पहले देश में एक बच्चा पैदा करने की नीति सख्ती से लागू थी। इस नीति की शुरुआत 1979 में की गई थी।
उस समय चीन की सरकार का कहना था कि गरीबी मिटाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है। 2015 के अंत में दो बच्चों की नीति लागू होने के बाद देश में प्रजनन दर में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि नहीं दर्ज की गई। हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों में पता चला कि चीन में 2020 में प्रति महिला जन्मदर 1.3 बच्चे हैं जो जापान और इटली जैसे देशों के समान हैं जहां की आबादी में गंभीर कमी दर्ज हो रही है। चीन दो की दर चाहता है ताकि आबादी में कमी ना हो। कई राज्यों में बदले नियम अक्टूबर में पूर्वी प्रांत आनहुई ने चेतावनी दी थी कि 2020 के मुकाबले इस साल जन्म में 17.8 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
कम से कम 14 चीनी प्रांतों में परिवार नियोजन कानूनों में या तो स्थानीय रूप से संशोधन किया गया है या संशोधनों के माध्यम से नए कानून बनाने के बारे में अधिक जनमत एकत्र किया जा रहा है। शानक्सी प्रांत के अधिकारी चाहते हैं कि 168 दिनों की मातृत्व छुट्टी को भुगतान के साथ पूरे एक साल तक बढ़ाया जाए। जिलिन ने भी कहा है कि पूरे भुगतान के साथ मातृत्व अवकाश को 98 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन किया जाएगा। पुरुषों को भी 15 दिन के बजाय 25 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा। दक्षिणी चीनी प्रांत हैनान में तीन साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चों की परवरिश पर खर्च करने के लिए हर दिन एक अतिरिक्त घंटे की छुट्टी की पेशकश की गई है। चीन के सुदूर पूर्वोत्तर क्षेत्र में औसत से कम जन्मदर के कारण हेइलोंगजियांग प्रांत सीमावर्ती शहरों में जोड़ों को चार बच्चे पैदा करने की अनुमति दे रहा है।  
 

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