फ्रांस की कार कंपनी रेनॉ इंडियन मार्केट में दमदार वापसी के लिए दो प्रॉडक्ट्स (एमपीवी और एसयूवी ) पर दांव लगा रही है। रेनॉ ने अगले तीन सालों तक हर साल एक नया प्रॉडक्ट लांच करने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी इस दौरान देश में इलेक्ट्रिक वीइकल भी लाएगी। रेनॉ ने भारत में अपनी बिक्री दोगुनी करने का भी लक्ष्य रखा है। कंपनी में एएमआई-पैसिफिक के चेयरमैन और सीनियर वाइस प्रेजिडेंट फैब्रिस कैम्बोलिव को उम्मीद है कि अगर निर्यात बढ़ने के अलावा भारत में कंपनी की नई रणनीति सफल होती है, तो कई सालों के घाटे के बाद भारतीय कारोबार ब्रेक-इवन (घाटा खत्म हो जाएगा) में आ जाएगा। उन्होंने कहा, लोकलाइजेशन यानी भारत से अधिक कलपुर्जे खरीदने के चलते हमारी लागत नियंत्रण में है। कंपनी निर्यात बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। भारत में लांच होने वाले नए प्रॉडक्ट्स से भी हमें काफी उम्मीदें हैं। हम अगले साल मुनाफे में आ सकते हैं।
कंपनी आने वाले त्यौहारी सीजन में भारतीय बाजार में ट्राइबर लांच करेगी। इसके बाद 2020 में सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी (4 मीटर से छोटी) ‘एचबीसी’ लांच करेगी। रेनॉ को उम्मीद है कि ‘एचबीसी’ एसयूवी से उसकी बिक्री में बंपर उछाल आएगा। कंपनी नई जेनरेशन क्विड के साथ केजेडई कॉन्सेप्ट वाला इलेक्ट्रिक पावरट्रेन भी पेश कर सकती है। इससे रेनॉ को बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। जानकारों कहना है कि मार्केट की खराब हालत को देखकर रेनॉ के लिए 4.5-6.5 लाख के बीच एमपीवी ट्राइबर लांच करके एक नया सेगमेंट बनाना चुनौती होगी। कंपनी का वॉल्यूम वित्तवर्ष 2018-19 के अंत में पहले ही लगभग एक लाख से अधिक के पीक लेवल से गिरकर 80,000 पर आ चुका है। कंपनी का मार्केट शेयर भी फिसलकर 2.36 प्रतिशत हो गया है।
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ट्राइबर के बाद रेनॉ लाएगा सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी और इलेक्ट्रिक वीइकल