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महाराष्ट्र में राज्यपाल ने  नहीं दी विधानसभा स्पीकर के  चयन की अनुमति, टकराव बढ़ा  

महाराष्ट्र में राज्यपाल ने  नहीं दी विधानसभा स्पीकर के  चयन की अनुमति, टकराव बढ़ा  

मुंबई । महाराष्ट्र में राज्य सरकार जहां शीतकालीन सत्र में विधानसभा स्पीकर का चयन करना चाहती है, वहीं राज्यपाल ने इसकी अनुमति अब तक नहीं दी है। राज्‍य की महाविकास आघाडी सरकार को यह उम्मीद थी कि शीतकालीन सत्र में विधानसभा स्पीकर का चयन हो जाएगा, लेकिन यह हुआ नहीं। रविवार को महाविकास आघाडी के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात करके स्पीकर चुनाव करवाने की अनुमति देने का आग्रह किया। कांग्रेस इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बता रही है। 
महाराष्‍ट्र कांग्रेस अध्‍यक्ष नाना पटोले ने कहा, 'बीजेपी राज्यपाल के आड़ में जो राजनीति कर रही है, यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। हम राज्यपाल से विनती करते हैं कि प्रक्रिया जल्दी शुरू की जाए। अगर वे अनुमति नहीं देते हैं तो एडवोकेट जनरल को बुलाकर आज बातचीत की गई है।' गौरतलब है कि राज्यपाल ने सोमवार शाम तक राज्य सरकार को चुनाव करवाने की अनुमति नहीं दी।सूत्रों के अनुसार राज्यपाल का कहना है कि नियमों में हुए बदलाव के कारण वे विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं। आमतौर पर स्पीकर चुनाव से 10 दिन पहले विधायकों को सूचित करना पड़ता है। इस बार एक दिन पहले यह किया गया। इससे पहले कांग्रेस नेता नाना पटोले स्पीकर थे लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया और तब से यह पद खाली है
शिवसेना विधायक सुनील प्रभु कहते हैं, 'नियमों में बदलाव दिल्ली में भी हुआ है और विधान परिषद में भी हुआ है। केवल विधानसभा में नियमों के आधार पर इसे बदला गया।' दूसरी ओर, राज्‍य में मुख्‍य विपक्षी दल बीजेपी का कहना है कि सरकार खुद नियम का पालन कहीं कर रही है और दोष बीजेपी पर डाल रही है। बीजेपी विधायक  राम कदम कहते हैं, 'यह स्वयं कानून तोड़ रहे हैं और खुद स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि हमने कानून तोड़ा है। उन्हें जाकर नियम पुस्तिका पढ़नी चाहिए। जब आप कानून तोड़ते हो तो आपको कैसे अनुमति मिल सकती है? गौरतलब है कि विधानसभा के मानसून सत्र में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर जल्द से जल्द स्पीकर चुनाव करवाने की बात कही थी, तब सीएम की ओर से राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा गया था कि उचित समय पर इसका चुनाव होगा। अब, जब  सरकार चुनाव करवाना चाहती है, तो राज्यपाल की ओर से अनुमति नहीं मिली है। 
 

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