वाशिंगटन । हमारे सौर मंडल में हमेशा से ग्रहों की ऐसी प्रणाली नहीं थी जैसी आज देखने को मिलती है। सौर मंडल के नौंवे ग्रह को लेकर खोज जारी है।रिपोर्ट ने सौर मंडल के 'थर्ड जोन' पर गहरी नजर डाली थी। 'थर्ड जोन' अंतरिक्ष का एक क्षेत्र है जो नेपच्यून से आगे तक इंटरस्टेलर स्पेस में फैला हुआ है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में कहीं न कहीं पृथ्वी का एक 'जुड़वा ग्रह' मौजूद हो सकता है।रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रह वैज्ञानिक ब्रेट ग्लैडमैन और एरिजोना यूनिवर्सिटी के कैथरीन वोल्क के अनुसार हमारे पास सौर मंडल के शुरुआती दिनों के कई बेहतरीन मॉडल मौजूद हैं, जिन्हें सुपर कंप्यूटर की मदद से बनाया गया है। ये मॉडल सौर मंडल में किसी अप्रत्याशित जगह पर एक अतिरिक्त ग्रह की मौजूदगी की ओर संकेत करते हैं। हमारे सिमुलेशन ने पाया कि लगभग आधे मामलों में, बाहरी सौर मंडल के सभी मंगल जितने बड़े ग्रह को इंटरस्टेलर स्पेस में निकाल दिया गया।
इससे पहले अध्ययन में बताया गया था कि हमारे सौर मंडल का नौवां ग्रह पहले की तुलना में और ज्यादा स्पष्ट हो गया है।अनुमान लगाया गया था कि 'प्लैनेट 9' सूर्य का एक चक्कर 18,500 सालों में पूरा करता है। जबकि नई रिसर्चल ने अनुमान को घटाकर 7,400 साल कर दिया है। यह सुझाव देता है कि ग्रह पृथ्वी और सूर्य के और ज्यादा करीब हो सकता है। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के माइक ब्राउन और कॉन्स्टेंटिन बैटगिन ने रिसर्च को अंजाम दिया था।
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सौर मंडल के 'थर्ड जोन' पर गहरी नजर, मिल सकता हैं नौंवा ग्रह