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केंद्रीय कर्मियों जल्द बड़ी राहत, मिल सकता है 18 महीने से बकाया महंगाई-भत्ता -कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 की जगह 26 हजार रुपए हो सकती है

केंद्रीय कर्मियों जल्द बड़ी राहत, मिल सकता है 18 महीने से बकाया महंगाई-भत्ता -कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 की जगह 26 हजार रुपए हो सकती है

नई दिल्ली । केंद्र सरकार के कर्मचारियों की जेब जल्द ही गरम होने वाली है। खबर है कि सरकार 8 महीने से बकाए कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (डीए) को लेकर जल्द फैसला कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट की अगली बैठक में इसको लेकर चर्चा हो सकती है। ये भी माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में इजाफा हो सकता है। कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपए की जगह 26 हजार रुपए हो सकती है। दरअसल, नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (जेसीएम) की मांग है कि सातवें वेतनमान के तहत 18 महीने से पेंडिंग डीए एरियर का भी वन टाइम सेटलमेंट कर दिया जाए। इसको लेकर जेसीएम, डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेंनिग और वित्त मंत्रालय के बीच एरियर पर बातचीत की गई है। जैसी संभावनाएं जताई जा रही हैं उसके अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में इजाफा हो सकता है। हालांकि, इसमें कितनी बढ़ोतरी होगी और कब इसका एलान होगा यह कहना अभी मुश्किल है।
ऐसा माना जा रहा है कि महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो सकता है। इसके अतिरिक्त बजट 2022 में भी फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इस पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर इसे बजट के खर्च में शामिल कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर का ही इस्तेमाल होता है। अगर मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी बढ़कर 26,000 हो सकता है। अगर बजट से पहले कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है तो हो सकता है कि बजट से पहले यह लागू भी कर दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि उनके फिटमेंट फैक्टर को 2.57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3।68 प्रतिशत कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को लेकर सरकार विचार कर सकती है। केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट के अप्रूवल के बाद इसे एक्सपेंडिचर में शामिल किया जा सकता है। अगर बेसिक पे 18,000 रुपए से बढ़कर 26,000 रुपए हो जाता है तो मंहगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा। महंगाई भत्ता बेसिक वेतन के 31 फीसदी के बराबर है। डीए का कैलकुलेशन डीए की दर को बेसिक पे से गुणा करके निकाला जाता है। यानी बेसिक वेतन बढ़ने से अपने आप महंगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा। बता दें कि सरकार के इस निर्णय से केंद्र के 47.14 लाख कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा। सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ता कर्मचारी के बेसिक सैलरी का एक निश्चित हिस्सा होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है। इस समय-समय पर बढ़ाया जाता है। पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) के तौर पर यह लाभ मिलता है।
 

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