लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पार्टियां फुल चुनावी मोड में आ गई हैं। कांग्रेस नेत्री और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी जी-जान से वोटरों से संपर्क में जुट गई हैं। दलितों की पार्टी कहलाने वाली बसपा की नजर ब्राह्मण वोटों पर है। वही, कांग्रेस दलितों के साथ अपने पुराने रिश्ते मजबूत करने जुटी हैं। प्रियंका बुधवार को फिरोजाबाद में महिला रैली से पहले सितारा जाटव के घर चाय पीने पहुंचीं तो शाम को आगरा में वाल्मीकि समाज के लोगों के बीच पहुंचीं। इस तरह से प्रियंका गांधी बृज इलाके के दौरे पर दलित समाज की दो बड़ी जातियों को साधने का दांव खेलती नजर आई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रियंका कांग्रेस के दलित वोटबैंक की 'घर वापसी' करा पाएंगीं?
2022 यूपी चुनाव के लिए 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान के तहत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी महिलाओं से संवाद के लिए बुधवार को फिरोजाबाद पहुंचीं। फिरोजाबाद जाते समय रास्ते में प्रियंका गांधी ने चूड़ी बनाने वाली एक दलित महिला सितारा जाटव के घर गई और उनसे बातचीत किया। सितारा जाटव चाय बनाकर प्रियंका गांधी को पिलाई और उन्हें चूड़ी बनाना सिखाया। सितारा जाटव से मिलने का एक वीडियो को प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है, 'फिरोजाबाद जाते वक्त चूड़ी उद्योग में जुड़ाई व झलाई का काम करने वाली सितारा जाटव से मुलाकात की। कांग्रेस का शक्ति विधान ऐसी तमाम महिलाओं के हाथ में शक्ति देने के लिए है।' वीडियो में प्रियंका गांधी दलित महिला से बात करने के दौरान उसके बच्चे के कपड़े भी तह कर रही है। इस दौरान प्रियंका महिला से चूड़ी बनाने की लागत और इनकम पर बातचीत कर रही है। साथ ही वो गैस की बढ़ती कीमतों पर भी सवाल कर रही हैं।
फिरोजाबाद जाते समय में प्रियंका गांधी सितारा जाटव से मिली तो वापसी करने के दौरान आगरा में वाल्मीकि समाज के बीच पहुंचीं। प्रियंका गांधी ने वाल्मीकि समाज के चौधरियों साथ मुलाकात की और कहा कि वाल्मीकि समाज कमजोर नहीं है बल्कि खुद लड़ कर अपना अधिकार ले सकता है। वाल्मीकि समाज के चौधरियों के साथ बैठक के दौरान प्रियंका गांधी ने उनसे तीन दिन के अंदर उम्मीदवार का नाम मांगा है, जिन्हें 2022 के चुनाव में उतार सकें। प्रियंका गांधी ने हाथरस की दलित युवती के साथ रेप और आगरा के वाल्मीकि समाज के युवक मृतक अरुण की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि हमने बहुत सोचा कि इस समाज के साथ हम ऐसा क्या कर सकते है कि समाज अपनी लड़ाई खुद लड़े। इसी को सोचकर यह फैसला लिया गया है। आप अपनी राजनीतिक ताकत हासिल करिए और अपनी लड़ाई मजबूती से लड़िए।
आगरा में वाल्मीकि समाज के लोगों को प्रियंका गांधी ने 2022 के चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर बड़ा सियासी दांव चला है। आगरा का इलाके में दलित समाज की बड़ी आबादी है, जिनमें खासकर वाल्मीकि और जाटव समाज के लोग रहते हैं। जाटव बसपा का कोर वोट बैंक माना जाता तो वाल्मीकि बीजेपी का हार्ड कोर वोटर रहा है। ऐसे में प्रियंका गांधी ने दलितों के इन दोनों ही समाज को साधने की कवायद की है।
बता दें कि पिछले दिनों आगरा में वाल्मीकि समाज के वरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। प्रियंका पीड़ित परिवार से मिलने गईं तो यूपी सरकार ने उनका रास्ता रोका। कांग्रेसियों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद योगी सरकार ने प्रियंका को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति देनी पड़ी। ऐसे में कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये दिया था और इंसाफ दिलाने का भरोसा जताया था। इसी दौरान वाल्मीकि समाज के युवा नेता प्रियंका के संपर्क में आ गए थे। उन्होंने ही वाल्मिकि समाज बैठक में प्रियंका गांधी को आमंत्रित किया था। प्रियंका फिर उस परिवार से मिलीं, जिनके युवक की हत्या की गई थी। आगरा मंडल में वाल्मीकि समाज पर भाजपा का काफी प्रभाव है। पहले यह बीएसपी का गढ़ हुआ करता था। प्रियंका ने उस समीकरण को बदलने की कोशिश की है। वाल्मीकि समाज के चौधरियों ने प्रियंका गांधी को वचन दिया है कि यूपी में जहां-जहां उनकी रिश्तेदारियां हैं, वहां-वहां वो संदेश भेजकर कांग्रेस से जुड़ने के लिए कहेंगे।
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यूपी में दलित वोट बैंक साधने जुटी प्रियंका गांधी -जाटवों के घर पी चाय, वाल्मीकियों के साथ की चर्चा