अमृतसर। नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से पंजाब कांग्रेस प्रधान का पद संभालने के बाद नेताओं के पार्टी छोड़ना जारी है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के बाद पार्टी के तीन विधायकों ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। अब सीनियर कांग्रेसी नेता और हलका मजीठा से तीन बार चुनाव लड़ चुके सुखजिंदर राज सिंह लाली ने पनग्रेन के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि लाली ने अभी तक पार्टी नहीं छोड़ी है।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए लाली मजीठिया ने अपना इस्तीफा देने का कारण पार्टी में चल रहे आपसी क्लेश और पांच सालों दौरान उनकी उपेक्षा की गई है। इसके साथ ही सुखजिंदर राज लाली मजीठिया ने कहा कि वह मजीठा हलके में अपने वर्करों के साथ बातचीत करेंगे अगर उनके वर्कर चाहेंगे कि वह एक बार फिर से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ें तो वह जरूर लड़ेंगे।
गौरतलब है कि सुखजिंदर राज लाली ने साल 2007 में कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा हलका मजीठा से चुनाव लड़ा था और 2012 में कांग्रेस ने उनकी टिकट काट दी थी। आजाद तौर पर चुनावी मैदान में उतरे लाली ने तब भी कांग्रेसी उम्मीदवार की अपेक्षा अधिक वोटें हासिल की थीं। 2017 में वह फिर पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े। कैप्टन सरकार में साढ़े चार साल अनदेखा रहे लाली को आखिरी समय में पनग्रेन की अध्यक्षता सौंपी गई। कांग्रेस में इतने लंबे समय से अनदेखा किए जाने का खामियाजा अकसर उनके कैंप में झलकता रहा है। अब चाहे लाली इस्तीफा देने के लिए निजी कारण बता रहे हैं परन्तु जिस तरह पंजाब की राजनीति में हलचल चल रही है, उससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि वह किसी और पार्टी में शामल हो सकते हैं।
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सिद्धू के पंजाब चीफ बनने के बाद नेताओं के कांग्रेस छोड़ना जारी -अब इस्तीफे के बाद मीडिया से सुखजिंदर सिंह लाली ने बयां किया दर्द