असम में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) में अपना नाम नहीं आने पर 14 साल की लड़की ने आत्महत्या कर ली। बुधवार की रात फांसी से झूलती उसकी लाश बरामद हुई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। लड़की की पहचान रौमारी चापोरी गांव की नूर बेगम के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, पिछले साल आई एनआरसी की पहली लिस्ट में उसका नाम शामिल नहीं किया गया था।जिसके बाद से वह परेशान रहने लगी थी।बुधवार को जब एनआरसी की दूसरी लिस्ट आई, तो उसके पिता एनआरसी सेवा केंद्र जाकर परिवार वालों का नाम देखने गए।पिता ने ही उसे फोन कर बताया था कि एनआरसी की इस लिस्ट में भी उसका नाम नहीं है।जिसके बाद लड़की ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। रात में दपट्टे के सहारे उसने फांसी लगा ली.परिवार ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि उनकी बेटी इतना बड़ा कदम उठा लेगी।साथ ही उन्हें ये भी नहीं मालूम था कि बुधवार को आई एनआरसी की लिस्ट फाइनल नहीं है।ये बस एक एडिशनल ड्राफ्ट था। एनआरसी अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त सूची में केवल उन लोगों के नाम हैं जो 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित पूर्ण मसौदा एनआरसी में शामिल हैं, लेकिन बाद में अयोग्य पाए गए।इन्हें 31 जुलाई तक अपनी नागरिकता साबित करनी होगी।एक प्रेस रिलीज में स्टेट कोआर्डिनेटर ने कहा, 'एडिशनल ड्राफ्ट इक्स्क्लूश़न लिस्ट में 15 फरवरी 2019 से 26 जून, 2019 की अवधि के दौरान दावों और आपत्तियों के निपटान के लिए आयोजित दावों और आपत्तियों के परिणाम नहीं हैं।वे केवल 31 जुलाई 2019 को प्रकाशित होने वाले अंतिम एनआरसी में प्रकाशित की जाएगी।26 जून, 2019 को सुबह 10 बजे से एडिशनल ड्राफ्ट इक्स्क्लूश़न लिस्ट की हार्ड कॉपी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) पर जनता के लिए उपलब्ध होगी।हालांकि, दरंग के एसपी अमृत भूयन एनआरसी को लड़की की आत्महत्या का कारण नहीं मानते।एसपी का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।बहरहाल मामले की जांच जारी है।बता दें कि बुधवार को एनआरसी को जारी हुए एडिशनल ड्राफ्ट इक्स्क्लूश़न लिस्ट में 1,02,462 नए लोगों के नाम शामिल हैं, जिन्हें अब अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दावे दाखिल करने हैं।