तिब्बत में कैलाश मानसरोवर से दर्शन कर घर वापस लौट रहे तकरीबन 200 भारतीय श्रद्धालु खराब मौसम के कारण नेपाल के हुमला जिले में फंस गए। श्रद्धालुओं ने निजी टूर ऑपरेटरों पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। हर वर्ष सैकड़ों भारतीय श्रद्धालु भगवान शिव का दर्शन करने के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं। भगवान शिव जैन और बौद्ध में भी धार्मिक महत्व रखते हैं। श्रद्धालु नेपाल-चीन सीमा से सटे हिलसा शहर में फंसे हैं। ज्यादातर श्रद्धालु तेलंगाना के हैं, जिनकी तादाद 40 है। श्रद्धालुओं का कहना है कि खराब मौसम के कारण हम वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। जबकि कैलाश मानसरोवर लौटते वक्त ही ट्रैवेल एजेंसी ने उन्हें यहां छोड़ दिया। कैलाश मानसरोवर यात्री करीब 19,500 फुट की दुर्गम और बीहड़ इलाकों की चढ़ाई करते हुए भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचते हैं। 40 वर्षीय पंकज भटनागर ने कहा कि श्रद्धालुओं ने पिछले 13 जून को अपनी यात्रा शुरू की थी। तीर्थयात्री इस समय हिलसा शहर में फंसे हैं, जहां वे तिब्बत के बुरंग से पहुंचे और तुरंत हेलीकॉप्टर द्वारा सिमीकोट के लिए रवाना हुए और इसके बाद नेपालगंज पहुंचे।