नई दिल्ली । अगर आप भी किसी एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो आपको गाड़ी के सभी जरूरी कागजात अपडेट रखने होंगे। गाड़ी के इंश्योरेंस से लेकर प्रदूषण प्रमाण पत्र वैध होना चाहिए। अगर कॉमर्शियल वाहन है तो उसका फिटनेस सर्टिफिकेट भी होना जरूरी होगा। दरअसल, अब एक्सप्रेसवे पर चलने वाले हर वाहन की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। गाड़ी के एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही चंद मिनटों में ट्रैफिक पुलिस को पता लग जाएगा कि वाहन से जुड़ी क्या चीज वैध नहीं है। उसके बाद स्वयं ही आपका चालान कट जाएगा और वो भी आपकी गाड़ी बिना रोके। देश के सभी एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) से लैस होने जा रहे हैं। इस सिस्टम के जरिये गाड़ी के अंदर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट लगाई है या नहीं। इसका भी पता लगाया जा सकता है वो भी फोटो और वीडियो के साथ। बता दें कि, बीते कुछ सालों से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सभी हाईवे और एक्सप्रेसवे को हाईटेक और सुरक्षित बनाने के लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए हाईवे पर विदेशी तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाने से लेकर फास्टैग जैसी सुविधाएं भी शुरू की गई हैं। इसके साथ ही कुछ जगहों पर एक्सप्रेसवे पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर लगाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था से वाहन मालिकों को टोल देने के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के ई-चालान किए जाने की शुरुआत की गई है। गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीते दिनों कहा था कि एनएचएआई की टोल टैक्स से होने वाली आय अगले तीन साल में 40,000 करोड़ रुपये सालाना से बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ रहा है। इसके साथ ही हर साल यातायात में भी वृद्धि हो रही है। गडकरी ने कहा कि एनएचएआई की वर्तमान में सालाना पथकर आय 40,000 करोड़ रुपये है। अगले तीन साल में यह बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो जाएगी।
रीजनल नार्थ
गाड़ी के कागज पूरे नहीं तो एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही कटेगा चालान