केजरीवाल सरकार द्वारा बनाई जा रही दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी भारत को बनाएगी विश्वगुरु; दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय तैयार करेगी ऐसे शिक्षक जो देश को बनाएंगे विश्वगुरु : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा ने मंगलवार को दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय विधेयक पास कर दिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी से निकले टीचर भारत को विश्वगुरु बनाएंगे। किसी भी देश को विश्वगुरु वहां के नेता नहीं बना सकते बल्कि वहां के टीचर उस देश को विश्वगुरु बनाते हैं। दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी विधेयक इस विधानसभा से पास हो कर जा रहा है। इस यूनिवर्सिटी से देश में टीचर की क्वालिटी इतनी बढ़िया हो जायेगी कि उसकी चर्चा दुनिया भर में होगी। और मैं ये जरूर कहना चाहता हूं कि अपना देश विश्वगुरु जरूर बनेगा। दिल्ली की टीचर्स यूनिवर्सिटी ऐसे शानदार टीचर, ऐसे शानदार गुरु बनाएगी जो इस देश को विश्व गुरु बनाएंगे। साथ ही ये यूनिवर्सिटी देश में टीचर्स ट्रेनिंग का एक नया मानदंड खड़ा करेगी। देश में जब तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्विद्यालयों में चाणक्य जैसे शिक्षक थे तब पूरी दुनिया में अपने देश की धाक थी। यहां के शिक्षा की चर्चा होती थी। एक बार फिर से वो दिन वापस लौटेगा और हमारा देश विश्व गुरु कहलाएगा। और इस कार्य में दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी अहम भूमिका निभायेगी। यहां से निकले शिक्षक देश भर में एक ऐसी पीढ़ी खड़ा करेंगे जो अपने ज्ञान विज्ञान की बदौलत देश को दुनिया में सबसे आगे खड़ा कर देंगे।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार की नीतियों की चर्चा आज देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। देश की दूसरी सरकारें तो केजरीवाल मॉडल की नकल करने में लगी हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। हमने भी दिल्ली में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है। मुझे लगा कि देखा जाए कि मेरठ में बन रहा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी कैसा है। और मुझे ये देख कर अच्छा लगा कि मेरठ में जिस स्पोर्टस यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया है, वहां हूबहू दिल्ली की खेल यूनिवर्सिटी का मॉडल लागू किया गया है। क्योंकि आज तक गुजरात या किसी भी बीजेपी के राज्य ने ऐसा कोई मॉडल ही नहीं खड़ा किया जहां से वो नकल कर पाते। लिहाजा केजरीवाल मॉडल का नकल कर रही है यूपी सरकार और प्रधानमंत्री जी। हमने दिल्ली की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में ऐसी व्यवस्था है कि बच्चों के मेडल को ही उनकी डिग्री मानी जाएगा। और इसी दिल्ली मॉडल को मेरठ में लागू किया गया।
विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। आज देश में केंद्र सरकार ने आईआईटी की फीस 90 हजार रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी। आईआईएम की फीस बढाकर 23 लाख कर दी। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे आम आदमी के बच्चों को इन संस्थानों में दाखिला ले पाना मुश्किल हो जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वे विधानसभा में हर सवाल का और हर चर्चा का जवाब देने के लिए तैयार हैं लेकिन बीजेपी के पास जवाब सुनने का साहस नहीं है। जब हम जवाब देते हैं तो बीजेपी कायरों की तरह उठकर भाग जाती है। इनको सच सुनने का साहस नहीं है।