YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

पैंगोंस सो झील पर चीन ने विवादास्पद हिस्से पर पुल बनाया - विदेश मंत्रालय

पैंगोंस सो झील पर चीन ने विवादास्पद हिस्से पर पुल बनाया - विदेश मंत्रालय

नई दिल्‍ली ।  पैंगोंस सो झील पर चीन के पुल बनाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन जहां पर पुल बना रहा है वो इलाका पिछले 60 सालों से चीन के अवैध कब्जे में है। उन्होंने कहा, " भारत इस पर करीबी नजर रखे हुए है और ऐसे अवैध कब्जे को कभी नहीं माना है। पिछले सालों में सरकार ने इस बात का खयाल रखा है कि हमारी सुरक्षा जरूरतें पूरी तरह से ध्यान में रखी जाएं। साथ ही पिछले सात सालों में इस इलाके के लिए बजट में खासी बढ़ोतरी की गई - इलाके में इंफ्रास्ट्रकचर - जैसे पहले से कहीं ज्यादा सड़कें, पुल वगैरह बनाई है। इससे यहां लोगों को काफी कनेक्टिविटी मिली है और सेना को मदद भी। सरकार ये करती रहेगी।"
अरुणाचल के इलाकों को चीन के नाम देने पर बागची ने कहा,  "हमने ये रिपोर्ट देखी है। चीन के निराधार दावों को बल देने की ये हास्यास्पद कोशिश है। उस वक्त भी हमने बयान दिया था टूटिंग को डोडेंग या सियोम नदी को शीयूमू या किबिथू या डाबा कहने से ये तथ्य बदल नहीं जाएगा कि अरुणाचल हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी हरकतें करने के बजाय चीन पश्चिमी सेक्टर में सीमा विवाद सुलझाने के लिए हमारे साथ सकरात्मक रूप से काम करे।"
दिल्ली में चीन के दूतावास के पोलिटिकल काउंसलर के तिब्बत के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सांसदों को चिट्ठी लिखने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "उस चिट्ठी के सुर और तरीका ठीक नहीं था। चीन को समझना चाहिए कि भारत एक लोकतंत्र है और अपने विश्वास और राय के मुताबिक नेता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि एक सामान्य गतिविधि को चीन बेवजह तूल ना दे और हमारे द्विपक्षीय रिश्ते को और ना उलझाए।"   
 

Related Posts