नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लागू है, जिसके चलते छुट्टी वाले दिन आसपास के राज्यों से दिल्ली आने वाले सैलानी होटलों में की गई बुकिंग रद्द कर रहे हैं। साथ ही लगातार बढ़ती पाबंदियों से व्यवसायियों और आने वाले लोगों को लॉकडाउन का भी डर सता रहा है। इससे वे अपनी यात्रा तय योजना से पहले खत्म कर वापस अपने गृह जनपद लौट रहे हैं। इसे लेकर जब होटल संचालकों से बात की तो उन्होंने बताया कि वे ओमिक्रॉन को लेकर सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन पाबंदियों से लोग कम दिनों के लिए आ रहे हैं। अमित कसाना की रिपोर्ट दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर एसोसिएशन के चेयरमैन संदीप खंडेलवाल के मुताबिक, राजधानी में बीते दो वर्ष में करीब 200 गेस्ट हाउस बंद हो चुके हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन की गलत नीतियों के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्यटन राजधानी समेत देशभर में राजस्व का बड़ा स्रोत हैं, लेकिन पिछले वर्ष लॉकडाउन में होटल बंद रहे। होटल मालिकों को सरकार की ओर से सालाना लाइसेंस फीस समेत बिजली, पानी बिल आदि में कोई छूट नहीं दी गई। इसके अलावा होटल कर्मचारियों का वेतन, रखरखाव में खर्च होने वाली रकम ने कारोबार करने वालों की कमर तोड़ दी। होटल संचालकों की लगातार आमदनी कम हुई है और खर्चे बढ़े हैं। ओमिक्रॉन के चलते फिर से पाबंदियां लगा दी गई हैं। ऐसे में होटलों में आने वालों की संख्या कम हो रही हैं। अगर ऐसा लगातार जारी रहा तो कई होटल बंद हो जाएंगे। होटल संचालकों के मुताबिक होटल खाली पड़े हैं। स्वास्थ्य, व्यवसाय आदि बेहद जरूरी कारण वाले लोग ही यहां आ रहे हैं। उनकी भी संख्या बेहद सीमित है। इससे नुकसान हो रहा है। रोजमर्रा का खर्च, कर्मचारियों का वेतन निकालने की चिंता सताने लगी है। नए वर्ष पर पहले नाइट कर्फ्यू, अब वीकेंड कर्फ्यू और आगे लॉकडाउन का डर सता रहा है। अगर पाबंदियां और बढ़ीं तो होटल बंद करने पड़ेंगे, क्योंकि लाइसेंस फीस, बिजली, पानी, साफ-सफाई आदि बुनियादी खर्च के लिए पैसे नहीं हैं, जिससे लगातार आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
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लॉकडाउन की आहट से घबराए व्यवसायी होटलों में घटी मेहमानों की संख्या