जिनेवा । डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ.ट्रेडोस एडनॉम घेबियस ने कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है, विशेष रूप से टीकाकरण वाले लोगों में कम गंभीर है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि इस पिछले वैरिएंट की तरह ही माइल्ड (हल्का) के तौर पर मान लेना चाहिए। उन्होंने चेताकर कहा कि ओमिक्रॉन की वजह से लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, उनकी जान भी ले रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वास्तव में, मामलों की सुनामी इतनी बड़ी और तेज है, कि यह दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी पड़ रही है।
स्वास्थ्य निकाय के महानिदेशक ने कहा कि पहली पीढ़ी के टीके सभी संक्रमणों और संचरण को रोक नहीं सकते हैं, लेकिन वे अस्पताल में भर्ती होने और वायरस से होने वाली मृत्यु को कम करने में अत्यधिक प्रभावी रहते हैं।उन्होंने कहा कि टीकाकरण के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य सामाजिक उपाय, जिसमें अच्छी तरह से मास्क पहनना, दूरी बनाना, भीड़ से बचना और वेंटिलेशन में सुधार शामिल है, वायरस को सीमित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वैक्सीन रोलआउट की वर्तमान गति से, 109 देश जुलाई 2022 की शुरूआत तक अपनी 70 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण करने से चूक जाएंगे। पिछले हफ्ते, महामारी में अभी तक सबसे अधिक कोरोना मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से जानते हैं कि यह मामलों का एक कम आंकलन है। वैश्विक कोरोना मामलों का आंकड़ा 29.7 करोड़ से ऊपर हो गया है, जबकि मौतें 54.6 लाख से अधिक हो गई हैं और टीकाकरण 9.27 अरब से अधिक हो गया है।
यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने खुलासा किया कि वर्तमान वैश्विक मामले और मरने वालों की संख्या क्रमश: 297,504,250 और 5,464,532 है, जबकि दिए गए टीके की कुल संख्या बढ़कर 9,279,347,173 हो गई है।
सीएसएसई के अनुसार, दुनिया के सबसे अधिक मामलों और मौतों (क्रमश: 57,649,131 और 832,061) के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। मामलों के बारे में बात करने पर दूसरा सबसे प्रभावित देश भारत (35,018,358 संक्रमण और 482,551 मौतें) है। इसके बाद ब्राजील (22,328,252 संक्रमण और 619,654 मौतें) तीसरे नंबर पर हैं।
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ऑमीक्रोन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर, लेकिन फिर भी इस हल्के में नहीं ले सकते