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अप्रैल 2029 में धरती के बेहद करीब से गुजरेगा तबाही का देवता'  ऐस्‍टरॉइड को लेकर रूसी वैज्ञानिकों का दावा 

अप्रैल 2029 में धरती के बेहद करीब से गुजरेगा तबाही का देवता'  ऐस्‍टरॉइड को लेकर रूसी वैज्ञानिकों का दावा 

वॉशिंगटन । रूसी वैज्ञानिकों ने कहा है कि दशक के आखिर तक धरती के सबसे बड़े परमाणु बम से 30 गुना ज्‍यादा शक्तिशाली ऐस्‍टरॉइड हमारे ग्रह के बहुत करीब आ रहा है।वैज्ञानिकों ने ताजा गणना करके अनुमान लगाया है, कि ऐस्‍टरॉइड या 'तबाही का देवता' अप्रैल 2029 में धरती के बेहद करीब से गुजरेगा। पहले अनुमान लगाया गया था कि यह ऐस्‍टरॉइड साल 2068 में गुजरेगा, लेकिन ताजा गणना में अनुमान को गलत पाया गया है। रूसी वैज्ञानिकों ने बताया कि यह विशाल आसमानी चट्टान अपोफिस धरती की सतह से 39 हजार किमी की दूरी से गुजरेगा। रिपोर्ट के मुताबिक यह वही दूरी है जहां पर वर्तमान समय में टीवी पर चैनलों के प्रसारण के लिए सैटलाइट स्‍थापित होते हैं। अपोफिस कितना शक्तिशाली है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है, कि यह अगर पृथ्‍वी से टकराता है,तब 88 करोड़ टन टीएनटी के विस्‍फोट के बराबर असर होगा। यह ऐस्‍टरॉइड 1,115 फुट चौड़ा है और बहुत तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है।
तबाही का देवता अपोफिस फ्रांस के एफिल टावर से आकार में बड़ा है।अपोफिस ऐस्‍टरॉइड की खोज अमेरिका के एरिजोना की वेधशाला ने 19 जून, 2004 को की थी। इसके बाद से ऐस्‍टरॉइड पर वैज्ञानिकों की नजर है। शोधकर्ताओं ने इससे पहले अपोफिस को सुबारू टेलिस्‍कोप के जरिए पता लगाया था और विश्‍लेषण के बाद पाया कि इसने गति पकड़ ल‍िया है।इसमें पाया गया कि ऐस्‍टरॉइड सूर्य की रोशनी में गरम हो रहा है। नासा ने इस ऐस्‍टरॉइड को तीसरा सबसे बड़ा खतरा करार दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऐस्‍टरॉइड जब धरती के पास आएगा तब उसके बारे में और ज्‍यादा जानकारी मिलेगी। उन्‍होंने कहा क‍ि यह स्‍पष्‍ट है कि ऐस्‍टरॉइड धरती से नहीं टकराने जा रहा है। यह सुरक्षित तरीके से धरती के पास से गुजरेगा। अपोफिस का धरती के पास आना अपने आप में बेहद अहम घटना है क्‍योंकि ऐसा पहली बार होगा जब इस तरह का खतरनाक और विशाल ऐस्‍टराइड पृथ्‍वी के इतने करीब आ रहा है। 
वैज्ञानिकों ने कहा कि  ऐस्‍टरॉइड से धरती के उपग्रह और स्‍पेस स्‍टेशन भी सुरक्षित रहने वाले है। अपोफिस ऐस्‍टरॉइड निकेल और लोहा से बना है तथा रेडॉर इमेज से पता चलता है कि यह लगातार लंबा हो रहा है। इसका आकार अब मूंगफली की तरह से होता जा रहा है। हालांकि शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी और ज्‍यादा व‍िश्‍लेषण की जरूरत है। इससे पहले के शोध में कहा जा रहा था कि इस ऐस्‍टरॉइड के टकराने की संभावना केवल 2.7 प्रतिशत ही है।
 

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