नई दिल्ली । दिल्ली के तीन नगर निगमों -उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी- ने निगम कानून अथवा मास्टर प्लान,2021 के नियमों के उल्लंघन के आरोप में 31 दिसंबर, 2021 तक शराब की 24 दुकानों को सील किया। साथ ही 113 ऐसे प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया गया। इस बात की जानकारी निगम अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि ये दुकानें दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत स्थापित की गई हैं, जोकि पिछले साल 17 नवंबर को प्रभावी हुई है। नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार ने खुदरा शराब दुकानों का निजीकरण किया है और शहर में निविदा प्रक्रिया के जरिए 849 दुकानों का आवंटन किया गया है। दिल्ली के तीनों नगर निगम में सत्तारूढ़ भाजपा इस नयी नीति का विरोध कर रही है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा, '' शहर के विभिन्न इलाकों में नियमों का उल्लंघन कर स्थापित की गईं कुल 24 शराब दुकानों को 31 दिसंबर तक सील किया गया है। यह कार्रवाई संबंधित निगमों द्वारा की गई है। तीनों निगमों ने ऐसे 113 प्रतिष्ठानों के खिलाफ नोटिस भी जारी किए हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर मुकेश सुर्यान ने कहा कि निगम कानून का उल्लंघन कर स्थापित की गई शराब दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों से आवासीय क्षेत्रों के पास और गैर-अनुकूल क्षेत्रों में शराब की दुकानें स्थापित किए जाने की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद पिछले 15 वर्षों से तीन एमसीडी पर शासन कर रही है भाजपा ने सोमवार को नई आबकारी नीति के खिलाफ चक्का जाम विरोध का आयोजन किया। इसके चलते शहर भर में यातायात अवरुद्ध हो गया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। भाजपा ने दावा किया कि सरकार स्कूलों और धार्मिक स्थलों के पास अवैध रूप से शराब की दुकानें खोल रही है। हालांकि, उपमुख्यमंत्री ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा नीति का विरोध कर रही है क्योंकि पार्टी शराब माफिया के साथ मिली हुई है। सिसोदिया ने कहा कि नई नीति ने 3,500 करोड़ रुपये की चोरी को रोक दिया है।
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केजरीवाल सरकार और नगर निगम के बीच ठनी