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चुनाव आचार संहिता से ऑटो रिक्शा चालकों की उम्मीदें टूटीं -सीएम चन्नी ने ऑटो रिक्शा चालकों से मिल कई रियायतों का ऐलान किया था -कांग्रेस सरकार ने उन्हें मूर्ख बनाया, इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ेगा 

चुनाव आचार संहिता से ऑटो रिक्शा चालकों की उम्मीदें टूटीं -सीएम चन्नी ने ऑटो रिक्शा चालकों से मिल कई रियायतों का ऐलान किया था -कांग्रेस सरकार ने उन्हें मूर्ख बनाया, इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ेगा 

लुधियाना। पंजाब सहित पांच राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। इससे ऑटो रिक्शा चालकों को मिलने वाली रियायतों की आखिरी उम्मीद भी टूट गई हैं। करीब 2 महीने पहले राज्य के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी गिल चौक में ऑटो रिक्शा चालकों से मिलकर उनके लिए कई रियायतों का ऐलान करके गए थे। लेकिन यह ऐलान सिर्फ ऐलान ही साबित हुए।
  सीएम चन्नी ने ऑटो रिक्शा चालकों के लिए पुराने ट्रैफिक चालान के जुर्माने माफ करने, सिर्फ एक रुपए के जुर्माने पर बंद आटो को छोड़ने, ऑटो रिक्शा चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसैंस की शर्त खत्म करने, शहर में जगह-जगह यैलो लाइन लगवाने, ऑटो चालकों के लिए स्टीकर जारी करने तथा स्टैंड के लिए शहर में कई स्थानों पर जगह उपलब्ध करवाने के वायदे किए थे। लेकिन इनमें से अधिकतर वायदे पूरे नहीं हो सके। लुधियाना के ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा सिर्फ 9 ऑटो रिक्शा चालकों के चालान ही बिना जुर्माने भुगते गए तथा साथ ही सिर्फ 3 या 4 चौकों में ही यैलो लाइन लग सकी है। इन वायदों को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार द्वारा कोई भी लिखित आदेश जारी नहीं किए गए थे। फिर भी ऑटो रिक्शा चालकों को उम्मीद थी कि सरकार जाते-जाते उनका भला सोचेगी। लेकिन आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होते ही ऑटो रिक्शा चालकों की यह आखिरी उम्मीद भी टूट गई है। ऑटो रिक्शा चालकों ने इसे सरकार का धोखा बताया है और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। नवंबर महीने में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लुधियाना आगमन के दौरान बाद दोपहर ऑटो रिक्शा चालकों के साथ बैठक करनी थी। जैसे ही इसकी सूचना सरकारी अधिकारियों और स्थानीय नेताओं तक पहुंची तो सीएम चन्नी के साथ उन्हें सुबह ही मिलवा दिया गया और चन्नी ने कई ऐलान किए। लेकिन उनमें से कोई भी ऐलान अमली रूप से लागू नहीं हो पाया। वहीं दूसरी तरफ ऑटो रिक्शा वर्कर फैडरेशन के प्रधान सतीश कुमार मामा का कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा उन्हें मूर्ख बनाकर भद्दा मजाक किया गया है। पर इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनावों में जरूर भुगतना पड़ेगा। सिर्फ लुधियाना में ही 30 हजार ऑटो चालक है और पूरे पंजाब में इनकी संख्या एक लाख के करीब है। पूरे राज्य से कई संस्थाएं उनके संपर्क में है। इन चुनावों में कांग्रेसी नेताओं को उनका असल चेहरा दिखाया जाएगा और कांग्रेस पार्टी का पूर्ण बायकाट होगा।
 

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