नई दिल्ली । चीन की कंपनियां भारत में बड़ा कारोबार करने के साथ मोटा मुनाफा कमा रही हैं पर कर देने के मामले में उनकी मंशा ठीक नहीं है। इस मामले को लेकर भारत की कई जांच एजेंसियां चीनी टेक कंपनियों के खिलाफ जांच कर रही है। मालूम हो कि मौजूदा वक्त में भारत के मोबाइल फोन मार्केट में चीनी कंपनियों जैसे श्योओमी, ओप्पो और वीवो का दबदबा है। यह चीनी टेक कंपनियां भारत में अरबों रुपए की कमाई कर रही हैं, लेकिन टैक्स देने के मामले में चीनी कंपनियां फिसड्डी साबित हैं। अब सरकार ने इन कंपनियों के गोरखधंधे को उजागर करने के लिए जांच शुरू कर दी है। यह जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। बता दें कि हाल ही में विभिन्न एजेंसियों ने चीनी फोन कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें आयकर विभाग और डायरेक्टरेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) भी थे। दरअसल, इन कंपनियों ने आय के बारे में ना केवल जानकारी छिपाई है, बल्कि टैक्स से बचने के लिए अपने लाभ की जानकारी भी नहीं दी।
इतना ही नहीं घरेलू इंडस्ट्री का तबाह करने के लिए अपने दबदबे का इस्तेमाल किया है। इन कंपनियों पर कलपुर्जो को लेने और प्रोडक्ट के डिस्ट्रिब्यूशन में पारदर्शिता नहीं बरतने का भी आरोप है। कहा तो यह भी जा रहा है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग भी इस जांच प्रक्रिया में शामिल हो सकता है। इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों पर अपने प्रभुत्व का फायदा उठाने और प्रतिबंधित व्यापार व्यवहार अपनाने का आरोप है। एक अधिकारी ने बताया कि चीनी कंपनियों ने रजिस्ट्रार आफ कंपनीज को जो जानकारी दी है, उसमें घाटा दिखाया है। जबकि इस दौरान उनकी जबरदस्त बिक्री रही और सबसे ज्यादा फोन बेचने वाली कंपनियों की सूची में वे शीर्ष पर रहीं। बता दें कि हाल ही में श्योओमी और वीवो पर वित्त मंत्रालय की तरफ से 625 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
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चीनी मोबाइल कंपनियां भारत से कर रहीं बेहिसाब कमाई, कर चुकाने में पिछड़ी