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नई शोध में खुलासा, खांसी और छीकें से  "टी" कोशिकाओं को बढ़ाती हैं, कोरोना से लड़ने में मदद करती 

नई शोध में खुलासा, खांसी और छीकें से  "टी" कोशिकाओं को बढ़ाती हैं, कोरोना से लड़ने में मदद करती 

नई दिल्ली । सेहत के लिहाज से ये समय काफी नाजुक दौर है, जहां एक तरफ ठंड की मार, वहीं दूसरी तरफ कोरोना के नए-नए वैरिएंट्स का कहर है।मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है लेकिन कोरोना के भी यहीं लक्षण होने की वजह से लोग तुरंत घबरा जा रहे हैं।हालांकि, नई स्टडी से आपको थोड़ी राहत मिल सकती है। स्टडी के मुताबिक, सर्दी-जुकाम से शरीर में कोविड से लड़ने की इम्यूनिटी बढ़ती है।आम खांसी और छीकें टी कोशिकाओं को बढ़ाती हैं। ये कोशिकाएं ही शरीर में कई तरह के वायरस को पहचानने का काम करती हैं।शोध में पाया हैं कि पहले से मौजूद टी कोशिकाओं के उच्च स्तर से कोविड संक्रमण से बचा सकता हैं।ये एक महत्वपूर्ण खोज है, लेकिन ये सुरक्षा का केवल एक रूप है और सिर्फ इसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। कोरोना से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर लगवाए। 
ये स्टडी 52 लोगों पर की गई थी, जिन्हें कोरोना के मरीजों के साथ रखा गया था। स्टडी में पाया गया कि इन लोगों में से सिर्फ आधे लोग ही कोरोना से संक्रमित हुए। ब्लड टेस्ट से पता चला कि इंफेक्शन से बचने वाले इन लोगों में टी कोशिकाएं बहुत अधिक मात्रा में थीं।इन लोगों को पहले कोरोना हो चुका था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारे आसपास कम से कम चार तरह के कोरोना वायरस हैं जो नियमित रूप से लोगों को संक्रमित करते हैं।इनमें से किसी एक से आम सर्दी-जुकाम होता है।
स्टडी से पता चलता है कि शरीर कोरोना वायरस की पहचान करने लगा है।संक्रमण को नष्ट करने वाली टी कोशिकाएं दूसरे संक्रमण पर भी काम करती हैं।टी कोशिकाएं वायरस के उन हिस्सों की तलाश करती हैं जो आसानी से म्यूटेट नहीं होते हैं।इसकारण हमारी पुरानी वैक्सीन भी नए वैरिएंट पर असरदार साबित हो रही है, भले ही इससे मिली एंटीबॉडी कम प्रभावी हों।
 

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