वॉशिंगटन । सुअर के दिल का इस्तेमाल करके सफलतापूर्वक हार्ट ट्रांसप्लांट से नई जिंदगी हासिल करने वाले दुनिया के पहले शख्स डेविड बेनेट के बारे में एक महिला ने कहा कि वह इस ऑपरेशन के 'लायक' नहीं थे। महिला ने कहा कि इस आपरेशन की वजह से बेनेट को एक हीरो की तरह प्रचारित किया जा रहा है, जबकि इसकी तारीफ उनका आपरेशन करने वाले चिकित्सकों को मिलनी चाहिए। बेनेट की आलोचना करने वाली यह महिला उस व्यक्ति की बहन है, जो 34 साल पहले डेविड बेनेट के हमले के बाद लकवाग्रस्त हो गया था।
पिछले हफ्ते 57 साल के डेविड बेनेट का करिश्माई ढ़ंग हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था। बेनेट 34 साल पहले एडवर्ड शुमेकर पर हमला करने के लिए दोषी ठहराए जा चुके हैं। यह घटना अप्रैल 1988 की है, जब मैरीलैंड बार में पूल खेलने के दौरान बेनेट ने देखा उनकी पत्नी नोर्मा जीन बेनेट शूमेकर की गोद में बैठी हुई है और दोनों शराब पी रहे हैं और बातें कर रहे हैं। बेनेट ने चाकू से शूमेकर की पीठ, पेट और छाती पर सात बार हमला किया जिसके चलते उन्हें लकवा मार गया। 2005 में एक स्ट्रोक से पहले वह 19 साल तक जिंदा रहे और दो साल बाद 40 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई।
शूमेकर की बहन लेस्ली शूमेकर डाउनी ने अपने भाई की मौत के लिए जिम्मेदार शख्स को मिलती तारीफों की आलोचना की है। डाउनी ने कहा वह इस ऑपरेशन के 'लायक' नहीं थे और वह एक हीरो के रूप में उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं करती हैं। उनसे पूछा गया क्या इस चिकित्सा सफलता से लाभान्वित होने वाला पहला व्यक्ति बेनेट को होना चाहिए था, उन्होंने नौतिक रूप से मैं मानती हूं कि नहीं। डाउनी ने कहा कि चिकित्सा समुदाय के लिए यह सफलता हासिल करना बहुत अच्छी बात है और वाकई यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। लेकिन दिक्कत की बात यह है कि वे बेनेट को एक हीरो के रूप में प्रचारित कर रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जिन डॉक्टरों ने बेनेट का ऑपरेशन किया उन्हें सारी तारीफ मिलनी चाहिए, न कि बेनेट को।
उल्लेखनीय है कि दुनिया में पहली बार अमेरिका के मेरीलैंड हॉस्पिटल में एक इंसान की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने अंतिम प्रयास के रूप में सूअर का हार्ट ट्रांसप्लांट किया है। अस्पताल ने सोमवार को बताया कि जिस मरीज को यह सूअर का हार्ट लगाया गया है, वह इस अद्भुत सर्जरी के 3 दिन बाद बहुत अच्छा महसूस कर रहा है। इस सफलता के बाद भी अभी यह कहना जल्दीबाजी होगा कि यह काम करेगा या नहीं। इस ऑपरेशन से लंबे समय से इंसान के अंदर जानवरों के अंग प्रत्यारोपित करने के लिए चल रहे प्रयास की दिशा में डॉक्टर एक कदम आगे बढ़ गए हैं। मेरीलैंड मेडिकल सेंटर के डॉक्टरों ने कहा कि यह ट्रांसप्लांट दिखाता है कि एक जेनेटिकली मॉडिफाइड पशु का हार्ट इंसान के शरीर में काम कर सकता है।
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डॉक्टरों ने बेनेट के सीने में सुअर का दिल लगाकर दिया जीवनदान, महिला बोली वह इसके 'लायक' नहीं