नई दिल्ली । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने नालंदा में जहरीली शराब से मौत पर कहा है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून पर सोचना और विचार करना चाहिए। जब पीएम कृषि कानून को वापस ले सकते हैं तो सीएम भी इस पर विचार करें। शनिवार को गया में गोदावरी स्थित अपने आवास पर मांझी ने कहा कि शराब पर इतनी बार बोल चुके हैं कि अब इस पर बोलना बेईमानी लगता है। नांलदा ही नहीं और भी जगह पहले मौतें हुई हैं। हम बोलेंगे तो इसे भाजपा या कुछ और लोग दूसरी बात समझ जाते हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए समीक्षा करना ही उचित होगा। पूर्व सीएम ने कहा कि जो कमजोर वर्ग के हैं उन्हें खाना मिला नहीं, लेकिन शराब पीने के अभ्यस्त हैं तो पी लेते हैं और शराब में मिले केमिकल के कारण अंजाम भुगतते हैं। गुजरात में तो बिहार से पहले शराबबंदी लागू है। महात्मा गांधी की जन्मस्थली है। गुजरात मॉडल भी सरकार अपना ले तो उचित होगा। उन्होंने कहा शराब बंद करना यह सिर्फ कह सकते हैं, लेकिन प्रैक्टिकल रूप से कर नहीं सकते हैं। 1991 शराब नीति में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं जा सकता है न किसी से झगड़ा कर सकता है। अब तो सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है कि जमानत का नंबर आने में ही समय लग जा रहा है।
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जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी के खिलाफ खोला मोर्चा