स्थानीय नगर पालिका परिषद द्वारा वितरित पेयजल को लेकर कलेक्टर डाॅ.वीरेंद्र पाटीदार ने सख्त रूख अपना लिया है। अब प्रतिदिन नागरिकों को प्रदाय किए गए पानी का सेम्पल लिया जाएगा और इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी। यदि पानी में किसी प्रकार की खामी पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारी की अब खेर नहीं है।
विगत दिनों गंदे और बदबूदार पानी के वितरण के पश्चात नगर पालिका ने ताबड़तोबड़ एलम और ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था की। उज्जैन से 24 टन एलम और 68 बोरी ब्लिचिंग बुलवाया गया। इधर पानी में एलम की मात्रा भी बढ़ा दी गई है। पहले जहां एलम के 12 से 15 प्रतिकिलो के 70 टुकड़े पानी में डाले जाते थे, वहीं अब इनकी संख्या 100 कर दी गई है। कलेक्टर की फटकार के बावजूद शहर के कुछ क्षेत्रों में गंदे पानी की शिकायतें मिल रही है। अमरीश मार्ग, लालपुरा क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि उन्हें अभी भी गंदा पानी वितरित किया जा रहा है। ज्ञात रहे कि 80 हजार आबादी वाले शहर में गंदे और बदबूदार पानी सप्लाय का मामला बीते एक सप्ताह से सुर्खियों में बना हुआ है। इसे लेकर वार्ड क्रमांक 10 के निवासी सड़क पर उतरे। गवली मोहल्ले में सीएमओ भूपेंद्र दीक्षित का पुतला फूंके जाने एवं इसके बाद भाजपाइयों द्वारा मोर्चा संभाल लिए जाने से यह मामला और अधिक गर्मा गया।
इसके पश्चात कलेक्टर डाॅ.वरीेंद्रसिंह रावत ने 25 जून को वाटरवक्र्स का मुआयना किया और गंदे पानी वितरण को लेकर सीएमओ को नोटिस जारी किया गया। कलेक्टर की फटकार के बाद अब नपा अमला जागा है और पानी की सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है। बारिश के दिनों में भी नपा को एलम की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी क्योंकि पानी मटमैला हो जाएगा। सब इंजीनियर अरूण गौड़ का कहना है कि एलम और ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था बराबर की जाती रहेगी। अब नागरिकों को वितरित किए जाने वाले पानी का नमूना प्रतिदिन लिया जाएगा। जिसकी जांच के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी। इधर वाटरवक्र्स की सुरक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। वाटरवक्र्स का गेट हमेशा चालू रहता है। जिस पर कोई रोकटोक नहीं है। कई कर्मचारियों के परिसर में ही घर है। नदी पर बने इंटकवेल के आसपास भी सुरक्षा की प्रबंध आवश्यकता है। होटल, अस्पताल एंव रहवासी इलाकों की गंदगी पानी में मिल रही है। नपा को चाहिए कि इसे लेकर भी कुछ ठोस कार्यवाही करें।
वर्ल्ड
प्रतिदिन लिया जा रहा शहर की अस्सी हजार आबादी को वितरित पेयजल का नमूना - जांच के पश्चात कलेक्टर को सौंपी जा रही रिपोर्ट