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बीते 24 घंटे में वैश्विकस्तर पर मिले 19.39 लाख कोरोना संक्रमित, 3990 ने दम तोड़ा

बीते 24 घंटे में वैश्विकस्तर पर मिले 19.39 लाख कोरोना संक्रमित, 3990 ने दम तोड़ा

नई दिल्ली । वैश्विक स्तर पर महामारी कोरोना के घातक वायरस का प्रकोप जारी है। बीते 24 घंटे में दुनियाभर में कोरोना के 19.39 लाख नए संक्रमितों की पहचान हुई। इस दौरान 9.91 लाख लोग ठीक हुए हैं। 3990 लोगों की मौत हुई है। नए संक्रमितों के मामले में अमेरिका 2.87 लाख मरीजों के साथ टॉप पर है, जबकि 2.78 लाख मामलों के साथ फ्रांस दूसरे नंबर पर है। 2.57 लाख नए केस के साथ भारत तीसरे नंबर पर है। ओमिक्रॉन संक्रमण की वजह से अस्पतालों पर बढ़ रहे दबाव के बीच यूरोपीय देशों का सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा चरमाराने लगा है। जबकि, इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक सप्ताह पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर स्वास्थ्य ढांचे में सुधार नहीं किया गया, तो जिस तेजी से संक्रमित अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं जल्द ही हालात को काबू करना मुश्किल हो जाएगा।
बीते दिन केवल अमेरिका में 346 नई मौतें दर्ज की गई हैं। एक्टिव केस के मामले में अमेरिका टॉप पर है। पूरी दुनिया में 5.57 करोड़ एक्टिव केस हैं। इनमें से 2.30 करोड़ अकेले अमेरिका में हैं। पूरी दुनिया में अब तक करीब 32.87 करोड़ से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 26.74 करोड़ ठीक हो चुके हैं। वहीं, 55.57 लाख ने जान गंवाई है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उन सरकारी कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी कटौती की घोषणा की गई है जो मास्क नहीं पहनेगा। प्रांत में कोविड​​​​-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए ये निर्देश जारी किए गए हैं। यहां कोरोना पॉजिटिविटी रेट 35 प्रतिशत पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री मुराद अली शाह की अध्यक्षता में सीएम हाउस में कोरोना टास्क फोर्स की बैठक हुई, जिसमें शाह ने कहा कि जो अधिकारी मास्क नहीं पहनेंगे, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। 
ईरान में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद देश में तीन लोगों की मौत हो गई। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने यह जानकारी दी। हालांकि, ईरान में ओमिक्रॉन का पहला मामला मध्य दिसंबर में सामने आया था। लेकिन यह पहली बार है, जब इससे मौत हुई है। वैश्विक महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद से कोविड 19 से ईरान में 1,32,000 लोगों की जान गई है जो पश्चिम एशिया में मृत्यु दर के लिहाज से में सबसे बुरी है। पिछले साल, अकेले 24 अगस्त को 709 लोगों की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण के कारण से हाल के महीनों में मौत के मामले घटे हैं। स्ट्रासबर्ग अस्पताल में इतनी ज्यादा तादात में मरीज आ रहे हैं कि उन्हें चाहकर भी भर्ती नहीं किया जा सकता। अस्पताल प्रणाली के 13,000 कर्मचारियों में से 15 फीसदी संक्रमित हैं। वहीं, कुछ अस्पतालों 20 फीसदी तक कर्मचारी संक्रमित हैं। बीते दो तीन दिन में कई दर्जन गंभीर रोगियों को मना करना पड़ा।
फ्रांस की तरह ही ब्रिटेन में भी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव है। ब्रिटिश सरकार को लंदन के अस्पतालों में सेना उतारनी पड़ी, ताकि एंबुलेंस, टेस्टिंग और अन्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा परिसंघ के मुताबिक फिलहाल 100,000 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमी है। कोविड के चलते अस्पतालों पर भारी दबाव है, जिसकी वजह से कई ऐसे मरीज हैं, जिनके कैंसर का पता चलते में काफी देर हो गई है। अकेले इंग्लैंड में करीब 13,000 रोगियों को इलाज के लिए इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 59 लाख लोग की कैंसर की जांच, सर्जरी होने है, लेकिन कोविड से वे प्रतीक्षा सूची में हैं।
 

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