नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे तो 10 मार्च को आएंगे, लेकिन पहले फेज की मतगणना से पहले ही कुछ बातें तो स्पष्ट हो चुकी हैं। यह साफ है कि मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सामने चुनौती है 2017 के प्रदर्शन से अधिक वोट और सीटें लेकर पार्टी में जान फूंकने की है। बसपा सुप्रीमो जहां इस चुनाव में काफी निष्क्रिय नजर आ रही हैं, तो कांग्रेस को यूपी में दोबारा मजबूत करने के लिए महासचिव प्रियंका गांधी काफी मेहनत करती दिख रही हैं। प्रियंका गांधी को अपने लक्ष्य में कितनी सफलता मिलेगी इस सवाल के जवाब के लिए मतगणना तक इंतजार करना होगा, लेकिन यह तो तय है कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' के नारे और 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देकर पार्टी ने सबका ध्यान अपनी ओर जरूर खींचा है। इस सबके बीच एक कुछ सवाल बने हुए हैं, मसलन यूपी चुनाव के बाद प्रियंका गांधी की कांग्रेस में भूमिका क्या होगी? प्रियंका के राजनीतिक सफर पर यूपी चुनाव का कितना असर होने जा रहा है? यदि कांग्रेस को अपक्षेति सफलता नहीं मिली तो क्या पार्टी के भीतर राहुल गांधी की तरह कुछ नेता प्रियंका के नेतृत्व पर भी सवाल उठा सकते हैं कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यूपी चुनाव का नतीजा भले ही जो भी हो, लेकिन प्रियंका गांधी का कद पार्टी में बढ़ना तय है। जिस तरह उन्होंने लगातार यूपी में रहकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की है, उसका आने वाले समय में अच्छा परिणाम दिख सकता है। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में पार्टी में अंतर्कलह को काबू करने में भी उनकी भूमिका अहम रही है। हालांकि, हाल ही में प्रियंका गांधी से जब सवाल किया गया कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी में क्या भूमिका होगी? तो उन्होंने कहा कि वह यूपी में ही पार्टी के लिए काम करती रहेंगी। राजनीतिक जानकारों का मनना है कि प्रियंका गांधी के भविष्य से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि यूपी चुनाव ने पार्टी में उन्हें 24*7 सक्रिय कर दिया है। वह फुल टाइमर पॉलिटिशियन बन गई हैं। यूपी में उनके उतरने से पहले वह केवल कुछ बड़ी सीटों पर पार्टी के लिए एकाध-चुनावी सभा या रोड शो ही करती दिखतीं थी। वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह ने कहा, ''यूपी में उतरने के बाद प्रियंका गांधी को राजनीति में स्थापित किया है। यूपी में वह पार्टी को कितनी सफलता दिला पाती हैं वह तो बाद में तय होगा, लेकिन यह साफ हो चुका है कि जिस पार्टी ने 30-40 साल पहले ही यूपी में अपनी जमीन खो दी थी, उसे प्रियंका गांधी ने चर्चा में जरूर ला दिया है। महिलाओं को 40 फीसदी टिकट और 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारे की चर्चा हो रही है। यह कांग्रेस पार्टी के लिए क्वॉर्टरफाइनल की तरह है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के जोश में इजाफा जरूर हुआ है, लेकिन वोट कितने बढ़ पाएंगे यह अभी पक्के तौर पर तो नहीं का जा सकता है। लेकिन जो सर्वे के नतीजे बता रहे हैं उसके मुताबिक, पार्टी को सीटों में कोई फायदा नहीं होने जा रहा है। लेकिन वोट शेयर में कुछ इजाफा जरूर हो सकता है। क्या कांग्रेस को यूपी में अपेक्षित सफलता मिलने पर प्रियंका को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग हो सकती है? इसके जवाब में सतीश के सिंह कहते हैं, ''कार्यकर्ता और कुछ नेता मांग कर सकते हैं, इससे इनकार नहीं, लेकिन प्रियंका और राहुल गांधी के बीच रिश्ते बेहद अच्छे हैं, फिलहाल ऐसा कोई दृश्य नहीं दिखता है कि प्रियंका गांधी राहुल के रास्ते में कहीं रुकावट बनेंगी।
रीजनल नार्थ
यूपी चुनाव में नहीं चमका कांग्रेस का सितारा तो क्या होगा प्रियंका गांधी का भविष्य