नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीईटी) के लिए दागी व संदिग्ध छवि वाले संस्थानों को केंद्र कतई न बनाएं। इनकी पहले ही जांच कर ली जाए। परीक्षा केंद्र निर्धारण में संस्थान के पिछले रिकॉर्ड को जरूर देखें। टीईटी परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद योगी सरकार यह परीक्षा आगामी 23 जनवरी को कराने जा रही है। इस बार सरकार काफी सतर्क है। इसलिए मुख्यमंत्री ने सोमवार को टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक में इस पर खास तौर पर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टीईटी के सुव्यवस्थित आयोजन के संबंध में पुख्ता तैयारियां कर ली जाएं। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन हो। हर केंद्र पर मास्क, सैनिटाइजर, इंफ्रारेड थरमामीटर की उपलब्धता होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि परीक्षा की शुचिता के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव गृह और एडीजी कानून-व्यवस्था, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा के साथ जिलाधिकारियों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों व परीक्षा आयोजन से जुड़े अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर व्यवस्थाओं की पड़ताल करें। सीएम ने कहा कि शीतलहर और कोविड को देखते हुए असहाय, निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए। रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं। पुलिस, राजस्व और नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके समुचित इलाज, भोजन आदि की व्यवस्था जरूर करे। ऐसे व्यक्ति यदि संक्रमित होते हैं तो उनके साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाना अपेक्षित है। सीएम ने कहा कि बारिश, ओलावृष्टि के कारण कुछ जिलों से जन-धन की क्षति होने की सूचना मिली है। राहत विभाग पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ प्रभावित लोगों से संपर्क करें। लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए।
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टीईटी परीक्षा को लेकर सीएम योगी सख्त अधिकारियों को दिया यह आदेश