बच्चे के दाँत जैसे ही निकलने शुरू होते हैं, दाँतों की सफाई उसी दिन से शुरू कर देनी चाहिए।
अगर बच्चा छोटा है तो किसी साफ सूती कपड़े या रूई से दाँतों की रोजाना सफाई करनी चाहिए। दाँत निकलते ही उन पर जीवाणुओं का हमला शुरू हो जाता है।
कई बार देखने में आता है कि डेढ़ या दो साल तक के बच्चे के सारे दाँत खत्म हो जाते हैं। उनमें कैविटी हो जाती है, जो लापरवाही बरतने और साफ-सफाई न करने से होती है।
दाँतों की सफाई के लिए यह जरूरी नहीं है कि बच्चे दाँत मंजन का इस्तेमाल करें। उनके लिए सिर्फ ब्रश से सफाई ही पर्याप्त होती है।
दाँत निकलने के समय बच्चे को कोई आहार दिए जाने की जरूरत नहीं होती। बच्चा दूध से कैल्शियम तो लेता ही है। इस दौरान खाने-पीने में सफाई और दाँतों की सफाई ही खास होती है।
बच्चे के दूध के दाँत बेशक कुछ ही सालों बाद टूट जाते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं होता कि उनका महत्व कम होता हो। बच्चे के विकास के लिए इन दाँतों का काफी महत्व है।
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बच्चे के दूध के दाँतों की देखभाल