मुम्बई । विराट कोहली के इस्तीफे के बाद से ही भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के नये कप्तान के लिए कई नाम सामने आये हैं। रोहित शर्मा को जहां कप्तान पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है, वहीं युवा लोकेश राहुल का नाम भी कप्तानी के लिए सामने आया है। रोहित को लेकर कई लोगों का कहना है कि वह तीस से ज्यादा उम्र के हैं ओर उनकी फिटनेस भी ठीठ नहीं रहती। ऐसे में राहुल जैसे किसी युवा को कमाना देनी चाहिये जो लंबे समय तक टीम की कप्तानी कर सके। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और चयन समिति के पूर्व प्रमुख दिलीप वेंगसरकर राहुल को कप्तान बनाने के पक्ष में नहीं हैं। वेंगसरकर के अनुसार रोहित और रविचंद्रन अश्विन को एक साल की अवधि के लिए टेस्ट कप्तानी सौंपी जा सकती है, जहां एक दीर्घकालिक कप्तान को भी तैयार किया जा सकता है। वेंगसरकर ने कहा, रोहित और अश्विन के साथ एक-एक साल के लिए स्टॉप-गैप व्यवस्था करना और इस बीच किसी को तैयार करना एक व्यावहारिक विचार होगा। वेंगसरकर ने खुलासा किया कि कैसे चयन समिति ने अनिल कुंबले का समर्थन किया, जब राहुल द्रविड़ ने टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी हालांकि तब कई लोग चाहते थे कि महेंद्र सिंह धोनी कप्तान बने। लेकिन हमने कुंबले को चुना और कुंबले ने भी इसमें अपनी मंजूरी दी। जब द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ दी थी तब हमारे पास ऑस्ट्रेलिया के दौरे की मांग थी। कुछ लोगों को लगा कि धोनी, जो छोटे प्रारूप में आगे चल रहे थे, को पदोन्नत किया जाए, लेकिन हम कुंबले के साथ आगे बढ़े, जिन्होंने शानदार काम किया।
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राहुल को टेस्ट कप्तान बनाने के पक्ष में नहीं वेंगसरकर