चंडीगढ़ । पंजाब में भी विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है।राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सियासत का असर बाजवा परिवार पर भी दिख रहा है। बाजवा बंधुओं के घर पर चार झंडे दिखते हैं। उनमें से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के दो-दो झंडे फहराते दिख रहे हैं। राहगीर बाजवा बंधुओं के पुश्तैनी घर की छत पर दोनों दलों का झंडा फहराता देख उत्सुकता से भर जाते हैं। कादियां सीट से राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके छोटे भाई और मौजूदा कादियां विधायक फतेह जंग सिंह हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। कांग्रेस ने उन्हें उनके घरेलू मैदान से टिकट नहीं दिया था।
बता दें कि परिवार में अंदरूनी कलह कोई नई बात नहीं है। 2009 में प्रताप बाजवा गुरदासपुर संसदीय सीट से सांसद चुने गए।2012 के विधानसभा चुनावों में उनकी पत्नी चरणजीत कौर बाजवा को फतेह जंग द्वारा आपत्तियों के बावजूद पार्टी का टिकट आवंटित किया गया था। क्रोधित होकर उन्होंने कादियां को छोड़ दिया और कांग्रेस उम्मीदवार बलविंदर लड्डी का समर्थन करने के लिए सीधे श्री हरगोबिंदपुर चले गए। 2017 में फतेह जंग ने कादियां से उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
कुछ महीने पहले जब बाजवा ने विधानसभा चुनाव लड़ने के अपने इरादे की घोषणा की तो उन्होंने राज्य की राजनीति में वापसी करने के लिए बटाला सीट को चुना। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके भाई कादियां से मौजूदा विधायक थे और उन्हें हटाना मुश्किल होता।
हालांकि, दिसंबर में पीसीसी प्रमुख नवजोत सिद्धू ने कहनुवां में एक रैली में फतेह जंग की उम्मीदवारी की घोषणा की। कुछ दिनों बाद प्रताप बाजवा ने खुद को कादियां से उम्मीदवार घोषित किया। हालांकि, तब तक कांग्रेस चुनाव समिति ने कोई फैसला नहीं किया था। फतेह जंग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
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बाजवा परिवार पर चढ़ा सियासी रंग, बेड़े भाई कांग्रेस में, छोटे भाई भाजपा में शामिल