बीजिंग । अमेरिका द्वारा 44 चीनी विमानन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने पर चीन लाल हो उठा है। अमेरिकी एक्शन के खिलाफ चीन ने कहा कि अमेरिका ने कथित तौर पर मिसाइल प्रौद्योगिकी का निर्यात करने वाली चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था,इस लेकर चीन ने परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइलों को बेचने के लिए अमेरिका पर पाखंड का आरोप लगाया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने कहा, यह एक विशिष्ट आधिपत्य की कार्रवाई है। चीन इसकी कड़ी निंदा कर इसका कड़ा विरोध करता है। उन्होंने कहा, चीन अमेरिका से अपनी गलतियों को तुरंत सुधारने, संबंधित प्रतिबंधों को रद्द करने और चीनी उद्यमों को दबाने और चीन को कलंकित करने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि अमेरिका ने तीन कंपनियों पर दंड की घोषणा करते कहा कि वे अनिर्दिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रसार गतिविधियों में शामिल थीं। उसने कहा कि उन्हें अमेरिकी बाजारों से और ऐसी तकनीक प्राप्त करने से रोक दिया गया है, जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है। ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट' के मुताबिक, 2016-20 में वैश्विक हथियारों के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी करीब पांच फीसदी है, जबकि अमेरिका शीर्ष वैश्विक निर्यातक था, जिसका 2016-20 में कुल 37 प्रतिशत हिस्सा था।
वर्ल्ड
44 चीनी विमानन कंपनियों पर प्रतिबंध, लाल हो उठा ड्रैगन