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 दिल्ली के बीटिंग रिट्रीट से अबाइड विद मी भजन को हटाया -यह भजन महात्मा गांधी का पसंदीदा माना जाता है

 दिल्ली के बीटिंग रिट्रीट से अबाइड विद मी भजन को हटाया -यह भजन महात्मा गांधी का पसंदीदा माना जाता है

नई दिल्ली। प्रतिष्ठित भजन अबाइड विद मी जो गणतंत्र दिवस के बाद बीटिंग रिट्रीट समारोह का अहम हिस्सा रहा करता था, उसे इस साल हटा दिया गया है। यह भजन महात्मा गांधी का पसंदीदा माना जाता है। साल 2020 में इस पर विवाद उठ हो गया था। इसलिए इस बार इसे धुनों की सूची में शामिल नहीं किया गया। अबाइड विद मी एक सैन्य धुन है, जिसे युद्ध के दौरान बिगुल बजने के बाद बजाया जाता है, ताकि सूर्यास्त के बाद घायलों और मृतकों को लेने की घोषणा की जा सके। यह दुनिया भर में स्वीकृत युद्ध अनुशासन का गीत है।
  पहली बार गणतंत्र दिवस के दौरान यह गंभीर धुन नहीं बजाई जाएगी। गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट का आयोजन शहीद वीरों को सम्मान देने के लिए किया जाता है। रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि अब बीटिंग रिट्रीट समारोह में 'एबाइड विद मी' की धुन नहीं बजाई जाएगी। इस बार 1,000 ड्रोन प्रदर्शित किए जाएंगे, जिसकी सुरक्षा बलों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। ।।और वह भी तब जब इंडिया गेट पर शाश्वत जलने वाली अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय स्मारक की ज्योति में विलय कर दिया गया है। सेना के बैंड में 1950 से ही 'एबाइड विद मी' धुन एक नियमित विशेषता रही है। यह भी देखा गया है कि पिछले कुछ वर्षो में भारतीय रचनाओं ने सैन्य बैंड में जगह बनाई है, जिसे परंपरा का स्वदेशीकरण कहा जाता है। इससे पहले, सुरक्षा बल ज्यादातर ब्रिटिश मार्शल धुन बजाता था। दिलचस्प बात यह है कि इस साल लता मंगेशकर का गाया 'ऐ मेरे वतन के लोगों' के अलावा कई अन्य धुनों को सूची में शामिल किया गया है। लेकिन 'एबाइड विद मी' को हटाने पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं।
 

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