नई दिल्ली । आरएसएस से जुड़ी संस्था मुस्लिम राष्ट्रीय मंच यूपी में मुस्लिम संगठनों को जोड़ने की पहल कर रही है। इसके तहत मंच ने उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में जन जागरूकता अभियान चलाया। यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए समुदाय का समर्थन जुटाने के लिए मुस्लिम मौलवियों और विद्वानों के साथ बैठक की गई।
जानकारी के मुताबिक बैठकों के दौरान मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने उत्तराखंड में हुई 'धर्म संसद' में की गई टिप्पणियों का जिक्र किया। साथ ही इसे चिंताजनक बताया। वहीं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि हमने जामा मस्जिद के मौलाना, काजी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ समुदाय के सदस्यों की समस्याओं और उनके समाधान पर बात की।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुताबिक पदाधिकारियों को लगा कि धर्म संसद में जिस तरह के बयान दिए गए हैं, वे किसी भी सभ्य समाज के लिए सही नहीं हैं। संगठन के मुताबिक सरकार और संघ का ऐसी धर्म संसद से कोई लेना-देना नहीं हैं। बैठक में मुस्लिम समुदाय के लोगों को यह भी बताया कि मंच ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करता है। यह उनकी टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है।जानकारी के मुताबिक समुदाय के सदस्यों को आश्वासन दिया गया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच चुनाव खत्म होने के बाद भी उनके साथ बातचीत करना जारी रखेगा।
बता दें कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की 10 सदस्यीय टीम ने अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर में अभियान चलाया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अख्तर, संगठन के मदरसा सेल के प्रमुख मजहर खान और उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष बिलाल उर रहमान ने अभियान में शामिल लोगों के साथ चर्चा की थी। मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में मुस्लिम समाज की महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़े मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।
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आरएसएस से मुस्लिमों को जोड़ने जागरूकता अभियान चलाया - धर्म संसद में दिए गए मुस्लिम विरोधी बयान की आलोचना की