भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने फार्मास्युटिकल्स, जेम्स, जूलरी और पावर सेक्टर की 10 बड़ी कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में घोषित किया। इनमें अधिकतर कंपनियां मुंबई की हैं। एसबीआई ने कहा कि इन डिफॉल्टर्स के पास बकाया कर्ज की रकम करीब 1,500 करोड़ रुपए है और उनको कर्ज चुकता करने के लिए बार-बार कहा गया है। कुफे परेड स्थित स्ट्रेस्ड एसेट्स मैनेजमेंट ब्रांच-1 द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना के अनुसार इन चूककर्ताओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सेक्टरों की कंपनियां भी शामिल हैं। बैंक ने अखबारों में इनकी तस्वीरों के साथ पूरा ब्योरा छपवाया है। सूची में सबसे बड़ा डिफॉल्टर स्पैनको लिमिटेड है, जिसके पास बकाया कर्ज की रकम 3,47,30, 46,322 रुपए है। कंपनी का दफ्तर सियोन स्थित गोदरेज कोलिसियम में है और इसके दो निदेशक कपिल पुरी और उनकी पत्नी कविता पुरी पास ही स्थित चेंबुर में रहते हैं।दूसरा डिफाल्टर अंधेरी स्थित कैलिक्स केमिकल्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड है, जिसके पास 3,27,81,97,772 रुपए बकाया कर्ज है। इनके निदेशक स्मितेश सी. शाह, भरत एस. मेहता और रजत आई. दोशी हैं और सभी मुंबई के हैं। वहीं रायगढ़ स्थित लोहा इस्पात लिमिटेड के पास बकाया कर्ज की रकम 2,87,30,52,225 रुपए है।इस कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश जी. पोद्दार हैं, जबकि निदेशकों के नाम अंजू पोद्दार, दोनों मुंबई के हैं। मनीष ओ. गर्ग और संजय बंसल दोनों नवी मुंबई के हैं। बैंक ने इसके अलावा अन्य डिफॉल्टर कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के नाम भी घोषित किए हैं।