लखनऊ । उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव मैदान में सभी दल उतर चुके हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उससे सटे ब्रजक्षेत्र के जिलों से पहले चरण का मतदान शुरू हो रहा है। यहां से चुनाव की शुरुआत है और यह पहला मोर्चा ही भाजपा के लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में उम्मीदों की लहर चलाने के लिए पार्टी ने दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है। कुशल रणनीतिकार कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह, अनुभवी राजनेता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फायर ब्रांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य नेता मैदान में उतर चुके, जबकि शुक्रवार से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से अभी जनसभाओं पर रोक को देखते हुए भाजपा के प्रदेशस्तरीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर के नेता भी घर-घर जनसंपर्क के लिए चुनाव मैदान में उतर आए हैं। इस बार फिर से तीन सौ से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही पार्टी प्रयास भी उतनी ही ताकत से कर रही है। संगठनात्मक कार्यक्रम कई महीनों से चल रहे हैं, लेकिन अब पार्टी नेता सीधे मतदाता के द्वार पर दस्तक दे रहे हैं। चूंकि सात चरणों में होने जा रहे इन विधानसभा चुनाव की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और ब्रज क्षेत्र के जिलों से हो रही है, इसलिए पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं के लगातार कार्यक्रम भी तय कर दिए हैं।
पिछले दिनों कैराना में जनसंपर्क कर चुके अमित शाह पहले वृंदावन पहुंचे। यहां बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद पार्टी नेताओं से मुलाकात की। फिर मथुरा जिले के ही गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और घर-घर जनसंपर्क किया। शाह गौतमबुद्धनगर पहुंचे और वहां अलग-अलग कार्यक्रमों से चुनाव प्रचार किया। इसी तरह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गाजियाबाद में मतदाताओं से संवाद और घर-घर जनसंपर्क किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजनौर और मुजफ्फरनगर में मतदाताओं के बीच विपक्ष पर हमलावर थे, जबकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हापुड़ में मोर्चा संभाला। इसी क्रम में शुक्रवार को जेपी नड्डा का कार्यक्रम बरेली के फरीदपुर में प्रस्तावित है, जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ मेरठ और हापुड़, केशव प्रसाद मौर्य आगरा, डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा मुरादाबाद और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह गाजियाबाद में घर-घर जनसंपर्क करेंगे। दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद गठबंधन कर भाजपा को चुनौती देने के लिए उतरे हैं। पश्चिमी में कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है तो रालोद जाटों को लामबंद करने में जुटा है। कृषि कानून विरोधी आंदोलन की यादें ताजा कर यह विपक्षी दल भाजपा से किसानों को दूर करने के लिए प्रयासरत है और कृषि कानूनों को पहले ही वापस लेकर बिजली बिल भी आधा कर चुकी भाजपा के नेता इस अंचल में कानून व्यवस्था के बड़े मुद्दे को अपना हथियार बनाकर विपक्षी दांव की काट में लगे हैं।
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पश्चिम उत्तर प्रदेश से मैदान में उतरे भाजपा के दिग्गज - पार्टी नेता सीधे मतदाता के द्वार पर दे रहे हैं दस्तक