YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

 समुद्र में डूबे अमेरिकी विमान एफ-35सी को खोजने में अमेरिका और चीन की होड़

 समुद्र में डूबे अमेरिकी विमान एफ-35सी को खोजने में अमेरिका और चीन की होड़

वॉशिंगटन । महाशक्ति अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा ऐसे में उनके बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ती जा रही है। अब पता चला है कि दोनों देशों के बीच समुद्र में डूबे किसी विमान को ढूंढ़ने की होड़ मची हुई है। खबरों के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच इस समय एक दौड़ चल रही है। इस बात के लिए समुद्र में डूबे एक बेहद अहम विमान तक पहले कौन पहुंचता है। दिलचस्प बात ये है कि विमान अमेरिकी नौसेना का है। लेकिन जहां डूबा है, वह विवादित समुद्री क्षेत्र है। दक्षिण चीन सागर, जिस पर चीन पूरी ठसक के साथ अपना अधिकार जताता है। जबकि अमेरिका ही नहीं दुनिया के अन्य कई देश भी चीन के इस रवैये को चुनौती देते रहते हैं। दक्षिण चीन सागर पर उसका दावा खारिज करते रहते हैं।
दरअसल, दक्षिण चीन सागर में ही अमेरिका ने हाल ही में फिलिपींस के साथ युद्धाभ्यास किया है। फिलिपींस के नौसैनिकों को उच्च सामरिक प्रशिक्षण देना इसका मकसद था। युद्धाभ्यास में अमेरिकी नौसेना के अग्रिम पंक्ति के विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसन ने भी हिस्सा लिया। इस पोत पर तैनात एक नौसैनिक लड़ाकू विमान एफ-35सी ने जैसे ही उड़ान भरी, उसमें तकनीकी खराबी आ गई। इससे वह दक्षिण चीन सागर में ही कहीं जा गिरा। विमान में सवार 7 नाविक भी घायल हो गए। अब यह विमान समुद्र की तलहटी में किसी जगह निष्क्रिय पड़ा हुआ है। जबकि उसे खोजने के लिए अमेरिका के साथ-साथ चीन की नौसेनाएं अति-सक्रिय हो गईं हैं।
एफ-35सी विमान को हवा में उड़ता हुआ अत्याधुनिक कंप्यूटर कहा जाता है। इसकी लागत करीब 750 करोड़ रुपए (100 मिलियन यूएस डॉलर) बताई जाती है। यह ऐसी तकनीकों से लैस है, जो अब तक संभवत: अमेरिका के पास ही हैं, किसी अन्य देश के पास नहीं।
एफ-35सी विमान की खासियतों की वजह से ही चीन उसे हासिल करने की जुगत में है। वहीं अमेरिका इस कोशिश में है, चीन को ऐसा करने से रोक लिया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीनी नौसैना एफ35सी का पता लगातार अमेरिकी दल से पहले मौके पर पहुंच गई, तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी। कारण कि दक्षिण चीन सागर से जुड़े किसी अंतरराष्ट्रीय संधि-समझौतों को चीन मानता नहीं है। उसके लिए यह पूरा क्षेत्र उसका है। ऐसे में, चीन की नौसेना अमेरिकी दल से भिड़ भी सकती है। ताकि उसे एफ35सी का मलबा वापस ले जाने से रोका जा सके।
 

Related Posts