बैंकॉक । म्यामांर में शासन की कमान सेना के हाथ में है इस दौरान कोविड-19 का प्रकोप भी जारी रहा जिसका व्यापक असर यहां की नौकरियों पर पड़ा। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का कहना है कि 2021 में म्यामांर में लगभग 16 लाख नौकरियां गईं, जिसमें महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं क्योंकि महामारी और देश की सत्ता पर सैन्य नियंत्रण के बाद कारखानों, पर्यटन और निर्माण क्षेत्र में काम कम हो गया। आईएलओ ने जारी एक रिपोर्ट में कहा कि देश एक ‘बहुआयामी मानवीय संकट’ का सामना कर रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के अलावा राजनीतिक उथल-पुथल, हिंसा, असुरक्षा और विस्थापन ने परेशानियों को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जो नौकरियां गई हैं, ये औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र दोनों में थीं और ये कुल रोजगार का लगभग 8 प्रतिशत है, क्योंकि एक फरवरी को सेना द्वारा देश की चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद कई लोगों ने काम करना बंद कर दिया था।
म्यामांर की अर्थव्यवस्था में पिछले साल लगभग 18 प्रतिशत संकुचन आया है। आईएलओ ने कहा कि कई श्रमिक खराब भुगतान वाली नौकरियों या कृषि कार्य में स्थानांतरित हो गए हैं, जबकि कारखानों की स्थिति खराब हो गई है क्योंकि सैन्य प्रशासन ने श्रम क्षेत्र में सख्ती की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यामांर में लगभग आधे वयस्क कृषि से संबंधित नौकरियों में काम करते हैं और इस क्षेत्र को निर्यात में गिरावट, कम कीमतें, तख्तापलट और बाढ़ के कारण वित्तीय क्षेत्र में व्यापक परेशानी के कारण ऋण तक पहुंच में बाधा का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट का अनुमान है कि निर्माण क्षेत्र में लगभग एक तिहाई या लगभग 350,000 नौकरियां खत्म हो गई हैं क्योंकि निवेशकों ने परियोजनाओं को निलंबित या रद्द कर दिया है। पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में लगभग 80,000 नौकरियां चली गई हैं, क्योंकि होटल बंद हो गए और देश में महामारी के कारण यात्राएं बंद हो गईं। आईएलओ ने कहा कि उनमें से अधिकांश नौकरियां महिलाओं के पास थीं। इसके साथ ही परिधान निर्माण के क्षेत्र में भी 220,000 नौकरियां गई है।
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अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन का दावा- म्यामांर में 2021 में 16 लाख नौकरियां गईं -महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं