मुंबई । प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी चार्जशीट में खुलासा किया है कि तत्कालीन मंत्री पोस्टिंग के लिए पुलिस ऑफिसर और अधिकारियों के नामों की एक सूची तैयार की है। ईडी की चार्जशीट के अनुसार, देशमुख ने पुलिस अधिकारियों और उनके ठिकानों की सूची अग्रेषित करने की बात स्वीकार की है।उन्हें एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग) और पुलिस स्थापना बोर्ड के प्रमुख (पीईबी) में स्थानांतरित किया जाना था। बात दें कि देशमुख कथित भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोप में जांच के घेरे में है। ईडी ने यह भी दावा किया कि देशमुख ने 16 साल के निलंबन के बाद सचिन वाजे की बहाली में अहम भूमिका निभाई थी। वाजे जो एक सहायक पुलिस निरीक्षक थे, को मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) का प्रमुख बनाया गया था। उसके जरिए कथित तौर पर जबरन वसूली करने के लिए उसे कई सनसनीखेज जांच का जिम्मा सौंपा गया था। ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि देशमुख विभिन्न मामलों की जानकारी देने और निर्देश देने के लिए वाजे को नियमित रूप से अपने आधिकारिक आवास पर बुलाते थे। ईडी की जांच से पता चलता है कि देशमुख ने वाजे को मुंबई भर में 1750 बार और रेस्तरां से पैसे इकट्ठा करने का निर्देश दिया था। चार्जशीट में यह भी दावा किया कि देशमुख के आदेश के बाद सचिन वाजे बार मालिकों को परेशान करता था और कोरोना के दौरान बार के मालिकों पर 3-3 लाख रुपए देने का दबाव बना रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक वाजे ने दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से 4.70 करोड़ रुपये जुटाए थे। देशमुख के निजी सचिव कुंदन शिंदे, जिन्होंने पूर्व मंत्री की ओर से वाजे से 4.70 करोड़ रुपये जुटाने में मदद की थी। वाजे ने ईडी को दिए अपने बयान में इस बात को स्वीकार किया और कहा कि उन्होंने देशमुख के निर्देश पर शिंदे को पैसे सौंपे थे। बता दें कि शिंदे श्री साईं शिक्षण संस्था के सदस्य हैं, जहां वसूली की रकम रखी गई थी।
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पुलिस पोस्टिंग के लिए अनिल देशमुख ने तैयार किए थे लिस्ट