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प्रदूषण बढ़ने से दिल्ली के वाणिज्यिक, पर्यटन स्थलों पर जाने वालों की संख्या में आई कमी : अध्ययन

प्रदूषण बढ़ने से दिल्ली के वाणिज्यिक, पर्यटन स्थलों पर जाने वालों की संख्या में आई कमी : अध्ययन

नई दिल्ली । दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बाजार, वाणिज्यिक और पर्यटन स्थलों पर जाने वाले लोगों की तादाद 33 फीसदी तक कम हुई है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। जलवायु तकनीक पर काम करने वाली स्टार्टअप कंपनी 'ब्लू स्काई एनालिटिक्स' और डेटा एनालिटिक्स कंपनी 'नियर' ने नई दिल्ली के लोकप्रिय खरीदारी, वाणिज्यिक और पर्यटन स्थलों- करोल बाग, लोधी गार्डंस और कनॉट प्लेस में जाने वाले लोगों की संख्या पर पड़ने वाले प्रदूषण के उच्च स्तर के प्रभाव का अध्ययन किया है। यह अध्ययन अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच छह महीने के दौरान किया गया। इस अवधि को हफ्तों में बांटा गया और अध्ययन में 'पहला हफ्ता' एक अक्टूबर 2019 से लिया गया। अनुसंधानकर्ताओं ने ब्लू स्काई एनालिटिक्स द्वारा मुहैया कराए गए वायु गुणवत्ता के आंकड़े के साथ बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर की तुलना उक्त स्थलों पर जाने वाले लोगों की संख्या से की। इसमें 'मशीन लर्निंग' तकनीक की सहायता ली गई। अध्ययन में सामने आया कि कनॉट प्लेस में, दसवें सप्ताह और 14 वें सप्ताह के बीच जब पीएम2.5 कणों की मात्रा 336 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी, तब वहां जाने वाले लोगों की संख्या 17,000 प्रतिदिन से घटकर 14,000 प्रतिदिन रह गई। इसी प्रकार करोल बाग में पांचवें सप्ताह (नवंबर की शुरुआत) में प्रदूषण का स्तर 25 प्रतिशत बढ़ने से वहां जाने वाले लोगों को की संख्या में 33 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इस अवधि को हफ्तों में बांटा गया और अध्ययन में 'पहला हफ्ता' एक अक्टूबर 2019 से लिया गया। अनुसंधानकर्ताओं ने ब्लू स्काई एनालिटिक्स द्वारा मुहैया कराए गए वायु गुणवत्ता के आंकड़े के साथ बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर की तुलना उक्त स्थलों पर जाने वाले लोगों की संख्या से की। इसमें 'मशीन लर्निंग' तकनीक की सहायता ली गई। अध्ययन में सामने आया कि कनॉट प्लेस में, दसवें सप्ताह और 14 वें सप्ताह के बीच जब पीएम2.5 कणों की मात्रा 336 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी, तब वहां जाने वाले लोगों की संख्या 17,000 प्रतिदिन से घटकर 14,000 प्रतिदिन रह गई। इसी प्रकार करोल बाग में पांचवें सप्ताह (नवंबर की शुरुआत) में प्रदूषण का स्तर 25 प्रतिशत बढ़ने से वहां जाने वाले लोगों को की संख्या में 33 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
 

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