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 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के दायरे में आई एयर इंडिया - लगभग 7,453 कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किया जाएगा

 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के दायरे में आई एयर इंडिया - लगभग 7,453 कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किया जाएगा

नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ, पेंशन और बीमा जैसे सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त करने के ‎लिए ‎विमानन कंपनी एयर इंडिया को भी शा‎मिल कर ‎लिया है। इस विमानन कंपनी से दिसंबर महीने में लगभग 7,453 कर्मचारियों के लिए योगदान प्राप्त किया है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि एयर इंडिया ने ईपीएफओ सुविधा के लिए उसके पास आवेदन किया था और उसे अनुमति दे दी गई है। कर्ज में डूबी इस एयरलाइन का अधिग्रहण टाटा समूह ने किया है। एयर इंडिया ने ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 की धारा 1(4) के तहत स्वेच्छा से सुरक्षा कवच लेने के लिए आवेदन किया है, जिसमें 13 जनवरी, 2022 को गजट अधिसूचना के तहत एक दिसंबर, 2021 से अनुमति दी गई थी। बयान के मुताबिक लगभग 7,453 कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किया जाएगा। इन कर्मचारियों के लिए दिसंबर 2021 के महीने का योगदान, ईपीएफओ में एयर इंडिया द्वारा दिया गया है। एयर इंडिया के ये कर्मचारी अब कई लाभों के हकदार होंगे। उन्हें अपने भविष्य निधि (पीएफ) खातों में उनके वेतन के 12 प्रतिशत पर अतिरिक्त 2 प्रतिशत नियोक्ता योगदान प्राप्त होगा। पहले वे 1925 के पीएफ अधिनियम के तहत आते थे, जहां पीएफ में योगदान नियोक्ता द्वारा 10 प्रतिशत और कर्मचारी द्वारा 10 प्रतिशत का था। 
ईपीएफ योजना 1952, ईपीएस 1995 (कर्मचारी पेंशन योजना) और ईडीएलआई 1976 (समूह बीमा) अब इन कर्मचारियों पर लागू होंगे। कर्मचारियों को 1,000 रुपए प्रति माह की गारंटी न्यूनतम पेंशन और कर्मचारी की मृत्यु के मामले में परिवार और आश्रितों को पेंशन उपलब्ध होगी।सदस्य की मृत्यु के मामले में एक सुनिश्चित बीमा लाभ न्यूनतम 2.50 लाख रुपए और अधिकतम 7 लाख रुपए की सीमा में उपलब्ध होगा। इस लाभ के लिए ईपीएफओ कर्मचारियों से कोई प्रीमियम नहीं लेता है। मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 1952-53 से, एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस दो अलग-अलग कंपनियां थीं, जिन्हें पीएफ अधिनियम, 1925 के तहत कवर किया गया था। वर्ष 2007 में, दोनों कंपनियों का एक कंपनी एयर इंडिया लिमिटेड में विलय हो गया था। पीएफ अधिनियम, 1925 के तहत, भविष्य निधि का लाभ उपलब्ध था लेकिन कोई वैधानिक पेंशन योजना या बीमा योजना नहीं थी। कर्मचारी स्वयं अंशदायी वार्षिकी आधारित पेंशन योजना में भाग लेते थे। योजना के मापदंडों के आधार पर, कर्मचारियों को जमा राशि का भुगतान किया जाता था। किसी सदस्य की मृत्यु के मामले में कोई न्यूनतम पेंशन गारंटी और कोई अतिरिक्त लाभ नहीं था।
 

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