- पूंजी व्यय में 35.4 प्रतिशत की तेज वृद्धि
- 2022-23 में पूंजी व्यय 2019-20 के दोगुने से अधिक
- 10.68 लाख करोड़ रुपए का प्रभावी पूंजी व्यय अनुमानित
नई दिल्ली । “केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि केंद्रीय बजट में पूंजी व्यय के परिव्यय में 35.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है, जिससे वर्ष 2022-23 में यह 7.50 लाख करोड़ रुपए हो गया है।“ मौजूदा वर्ष में यह 5.54 प्रतिशत करोड़ रुपए है। केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस तरह पूंजी व्यय बढ़कर वर्ष 2019-20 के व्यय के 2.2 गुना से अधिक हो गया है और यह 2022-23 में जीडीपी का 2.9 प्रतिशत हो जाएगा। निवेश में गुणात्मक चक्र के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की जरूरत है ताकि निजी निवेश में तेजी लाई जा सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निजी निवेश को उसकी पूरी क्षमता तक आगे बढ़ाने और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखा जाना चाहिए और इससे निजी निवेश भी बढ़ेगा।
प्रभावी पूंजी व्ययः
केंद्रीय मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बताया कि राज्यों को अनुदान सहायता के जरिए पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए बनाए गए प्रावधान के साथ पूंजी व्यय के साथ केंद्र सरकार के प्रभावी पूंजी व्यय के 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो जीडीपी का 4.1 प्रतिशत होगा।
हरित बॉन्डः
श्रीमती सीतारमण ने बताया कि 2022-23 में सरकार के बाजार से उधार लेने के एक हिस्से के रूप में हरित अवसंरचना के लिए संसाधन जुटाने हेतु सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी किए जाएंगे। यह प्रक्रिया सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लागू की जाएगी, जिससे अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को घटाने में मदद मिलेगी। वित्तमंत्री ने अर्थव्यवस्था में तेज और निरंतर विकास को सुनिश्चित करने में पूंजी निवेश और रोजगार के अवसरों के सृजन, बड़े उद्योगों एवं एमएसएमई के विनिर्मित इनपुट के लिए मांग बढ़ाने, पेशेवरों की सेवाएं और बेहतर कृषि अवसंरचना के जरिए किसानों की मदद के एकीकरण की भूमिका पर प्रकाश डाला।