हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के एनआईटी हमीरपुर के विद्यार्थियों ने कोरोना के बावजूद बहुराष्ट्रीय कंपनियों में एक करोड़ से सवा करोड़ तक का पैकेज हासिल कर संस्थान का नाम रोशन किया है। बीटेक के अंतिम वर्ष कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्र नीरव गनाटे को अमेजन लक्जमबर्ग ने ऑफ कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से 1.05 करोड़ रुपये के सालाना सैलरी पैकेज की पेशकश की है। एनआईटी हमीरपुर के छह विद्यार्थियों ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ एक करोड़ से अधिक के पैकेज हासिल करके गौरव हासिल किया है। नीरव गनाटे सोलन जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता माध्यमिक विद्यालय सनोरा में प्रधानाचार्य के पद पर हैं, जबकि उनकी माता सोलन जिले के धर्मपुर स्थित अस्पताल में वार्ड सिस्टर के पद पर तैनात हैं।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो ललित कुमार अवस्थी ने नीरव को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आईटी सक्षम प्रौद्योगिकियों में प्रमुख जोर के साथ नौकरी क्षेत्र में बदलते रुझानों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न भूमिकाओं के लिए छात्रों को तैयार करना बड़ी चुनौती है। इस संबंध में एनआईटी हमीरपुर ने पाठ्यक्रम में सुधार और इसे विद्यार्थियों के लिए और अधिक लचीला बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस तरह की पहल से निश्चित रूप से आगामी बैचों के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट संबंधी गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। वहीं प्रो अवस्थी ने कहा कि विभिन्न स्नातक, दोहरी डिग्री कार्यक्रमों के 439 विद्यार्थियों के साथ स्नातक (यूजी) कार्यक्रमों का कुल प्लेसमेंट इंडेक्टस अभी तक लगभग 69 फीसदी तक पहुंच गया है। अब तक लगभग 100 कंपनियों ने अपना भर्ती अभियान ऑनलाइन मोड के माध्यम से चलाया है, जो कि एनआईटी हमीरपुर के पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुसार एक रिकॉर्ड है। एनआईटी हमीरपुर देश के उन 31 एनआईटी में से एक है जो सात अगस्त 1986 को भारत व राज्य सरकार के एक संयुक्त व सहकारी उद्यम के तौर पर क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में अस्तित्व में आया। स्थापना के समय सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रत्येक में 30 विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ था। 26 जून 2002 को इसे डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में अपग्रेड किया गया। संस्थान का मिशन गुणवत्ता और मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने से इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, वास्तुकला और विज्ञान के क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने का है। इसके अलावा विद्यार्थियों को उच्च नैतिक मूल्यों के साथ जिम्मेदार नागरिक और सक्षम पेशेवर बनने के लिए प्रेरित करने के अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी मानव संसाधन की अपेक्षाओं को पूरा करना है।
पवन सोनी/ईएमएस 01 फरवरी 2022
(पानीपत) पालतू कुत्ते के निधन पर मालिक ने कराया हवन, 17वीं पर गांव का भोज
-महाबीर अहलावत और परिवार ने दोबारा उनके घर ही कुत्ते के आने के लिए पूजा की
पानीपत(ईएमएस)। पानीपत के गांव बबैल और हाल में वार्ड नंबर-6 के भारत नगर के रहने वाले महाबीर अहलावत और उनके परिवार ने अपने 15 वर्षीय पालतू कुत्ते शेरू की मौत पर उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन करवाया। दोबारा उनके घर ही आने के लिए पूजा अर्चना की। साथ ही शेरू की सत्रहवीं मनाते हुए लोगों को हलवा-पूड़ी का भोज करवाया। हरियाणा के पानीपत जिले के गांव बबैल निवासी महाबीर सिंह और उनके ने उनके पालतू कुत्ते शेरू की मौत के बाद उसकी सत्रहवीं का भोज आयोजित किया गया। इससे पूर्व हवन और पूजन की रस्म भी अदा की।
शेरू के मालिक महावीर अहलावत ने बताया कि 15 साल पहले वो 15 दिन के शेरू को घर लाये थे। पालतू कुत्ते ने वफादारी से मालिक के घर कारोबार की चौकीदार की तरह रखवाली की, लेकिन जब शेरू की मौत हुई तो तेरहवी की जगह 17 दिन बाद सत्रहवीं का आयोजन करवाया गया और पूरे गांव को भोज करवाया। परिवार वालों ने शेरू की आत्माशांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। पालतू कुत्ते शेरू की मौत पर उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन करवाया। दोबारा उनके घर ही आने के लिए पूजा अर्चना की। साथ ही शेरू की सत्रहवीं मनाते हुए लोगों को हलवा-पूड़ी का भोज करवाया। खास बात यह है कि इस हवन, पूजा और भोज में महाबीर के परिवार के साथ उनके रिश्तेदार और पड़ोसी भी शामिल हुए। सभी ने शेरू की वफादारी के बारे में बताया। सभी ने शेरू की फोटो पर पुष्प अर्पित करते हुए उसे श्रद्धांजलि भी दी।