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 राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता की योजना’ के लिए 15,000 करोड़ रुपये का परिव्‍यय - राज्‍यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति

 राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता की योजना’ के लिए 15,000 करोड़ रुपये का परिव्‍यय - राज्‍यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति

नई दिल्ली ।  केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि ‘पूंजीगत निवेश के लिए राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता की योजना’ के लिए बजट अनुमान 2021-22 में निर्धारित 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय को संशोधित अनुमान 2021-22 में बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 अर्थव्‍यवस्‍था में सभी निवेशों को प्रेरित करने के लिए राज्यों की मदद करने हेतु एक लाख करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव किया गया है। ये पचास वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण राज्‍यों को दिए जाने वाले सामान्‍य कर्ज के अतिरिक्‍त हैं। इस प्रकार के आवंटन का प्रयोग पीएम गतिशक्ति से जुड़े निवेशों और राज्यों के अन्‍य उत्‍पाद पूंजी निवेश में किया जाएगा।  इसमें निम्‍नलिखित से संबंधित घटक भी शामिल होंगे :
वित्‍त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि वर्ष 2022-23 में 15वें वित्‍त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्‍यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत तक के राजको‍षीय घाटे की अनुमति होगी, जिसमें से 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधार से संबंधित होंगे। इसके लिए शर्तो को पहले ही 2021-22 में बता दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार उत्‍पादक परिसम्‍पत्तियों का सृजन करने और लाभकारी रोजगार पैदा करने के बारे में उनकी पूंजी निवेश में बढ़ोतरी के लिए राज्‍यों के हाथ मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। 
 

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