लखनऊ । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनाव घोषणापत्र मंगलवार को यहां जारी किया। इसमें युवाओं को रोजगार के मुद्दे पर फोकस किया गया है। साथ ही, नफरत की राजनीति के खिलाफ कानून के शासन और लोकतंत्र के लिए मतदाताओं से भाजपा को हराने का आह्वान किया गया है। घोषणापत्र लखनऊ और वाराणसी में मंगलवार को एक साथ जारी किया गया। राजधानी में राज्य स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) के सदस्य अरुण कुमार, राज्य समिति (स्टेट कमेटी) के सदस्य राधेश्याम मौर्य व कामरेड मीना ने, जबकि वाराणसी में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य व पूर्व राज्य सचिव रामजी राय व वर्तमान प्रदेश सचिव सुधाकर यादव ने इसे जारी किया। 16 पृष्ठों के घोषणापत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी के शासन में विकास सिर्फ कागजों में हुआ है, हकीकत में प्रदेश पीछे गया है। पांच वर्षों में रोजगार बढ़ने के बजाय घटे हैं। लाखों पद रिक्त हैं, मगर युवाओं को रोजगार मांगने पर लाठियां मिलीं। 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ। भाजपा सरकार निजीकरण की मुहिम चला कर बचे-खुचे आरक्षण को भी खत्म कर रही है। घोषणापत्र में रोजगार के अलावा आसमान छूती महंगाई, बढ़ती आर्थिक असमानता और किसानों को एमएसपी की गारंटी को भी मुद्दा बनाया गया है। मतदाताओं से जनसंघर्षों की आवाज को बिहार विधानसभा की तरह यूपी की विधानसभा में भी गुंजाने के लिए भाकपा (माले) के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की गई है।
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भाकपा (माले) का चुनाव घोषणापत्र जारी, रोजगार पर फोकस