वाशिंगटन । म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की नई विशेष दूत नोलीन हेजर ने दावा किया कि सेना के सत्ता में आने के बाद से हिंसा और क्रूरता बढ़ी है,इसके विरोध में देश में आंदोलन छिड़ गया है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों ने हिंसा को समाधान के रूप में इस्तेमाल करने’’ को लेकर रुख सख्त लिया है। हेजर ने कहा कि म्यांमार की स्थिति तेजी से अस्थिर होती जा रही है, हवाई हमलों सहित सैन्य अभियानों से नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में लगभग 1,500 नागरिक मारे गए हैं और विस्थापित लोगों की संख्या 2021 के अंत के 3,20,000 के आंकड़े से बढ़कर अब 4,00,000 से अधिक हो गई है।उन्होंने कहा, यह एक फरवरी, 2021 से पहले ही विस्थापित हुए 3,40,000 लोगों के अतिरिक्त है, जब सेना ने आन सांग सू ची को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
हेजर ने बताया कि म्यांमार की लगभग आधी आबादी वर्तमान में गरीबी के दलदल में है, और 1.44 करोड़ से ज्यादा लोगों को मानवीय सहायता और सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आसियान के विदेश मंत्री और कुछ नेता पिछले अप्रैल में हुई बैठक में पांच सूत्रीय सहमति को लागू करने के लिए म्यांमार पर दबाव डाल रहे हैं, जिसमें म्यांमा सेना के कमांडर सीनियर जनरल मिन आंग हेइंग भी शामिल हैं। गौरतलब है कि हेइंग ने एक फरवरी 2021 की सुबह सू ची और उनकी सरकार तथा सत्तारूढ़ ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ के शीर्ष सदस्यों को गिरफ्तार करके सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
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म्यांमार में सेना के सत्ता में आने के बाद से हिंसा बढ़ी