नई दिल्ली । पाकिस्तान के मसूद खान की इन दिनों काफी चर्चा है। मसूद खान को इमरान खान की सरकार ने अमेरिका में अपना राजदूत नामित किया है, लेकिन बाइडन प्रशासन ने दो माह से उनकी स्वीकृति को लटकाया हुआ है। इसको लेकर पाकिस्तान की बहुत किरकिरी हो रही है। मसूद खान को नवंबर में इमरान खान ने अमेरिका के लिए अपना राजदूत नामित किया था, लेकिन उनकी नियुक्ति को स्वीकृति मिलने में काफी ज्यादा समय लग रहा है।
दरअसल, अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ने मसूद खान पर गंभीर आरोप लगाए है। अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद स्कॉट पेरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लिखे पत्र में कहा है कि मसूद खान जिहादी है और आतंकवादियों के सच्चे समर्थक है। इससे भी बड़ी बात यह है कि मसूद खान अमेरिकी हितों के साथ-साथ भारतीय सहयोगियों की सुरक्षा को कमजोर करने में भी लिप्त रहा है। इसलिए मसूद खान के नामांकन को रद्द कर दिया जाना चाहिए। 70 साल के मसूद खान पाक विदेश सेवा के 1970 बैच के अधिकारी है।
पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले रावलकोट में मसूद खान का जन्म हुआ है और वे 2016 से 2021 तक पाकिस्तान के इसी अवैध कब्जे वाले आजाद कश्मीर के राष्ट्रपति भी रहे हैं। पाकिस्तान विदेश सेवा में उनका पहला बड़ा पद 9/11 के तुरंत बाद शुरू हुआ जब उसे पाक विदेश विभाग में प्रवक्ता बनाया गया। वे प्रेस के साथ काफी मिलनसार रहे हैं, जिसकी प्रशंसा भारतीय पत्रकार भी करते रहे हैं।
पाकिस्तान में अवैध कब्जे वाले कश्मीर से बहुत कम ही अधिकारी होते हैं, इसलिए पाकिस्तानी सेना में भी वे काफी पॉपुलर हो गए। जल्द ही उन्हें मुशर्रफ सरकार ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान का स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया। 2008 में उन्हें युसूफ रजा गिलानी की सरकार ने चीन में पाक का राजदूत नियुक्त किया। चार साल बाद वे संयुक्त राष्ट्र संघ में पाक के स्थाई प्रतिनिधि बने।
पाकिस्तान वापस आने पर उन्हें पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर का राष्ट्रपति बना दिया। मसूद खान अक्सर अपने भारत विरोधी और आतंकवादियों के लिए सहानुभूतिपूर्क रवैए के लिए जाने जाते हैं। जब भारत और पाकिस्तान के बीच शांति थी तब भी वे भारत के रुख का विरोध करते रहे हैं। उनका मानना है कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा किया है, जबकि पाकिस्तान खुद कश्मीर को आधिकारिक रूप से अपना नहीं मानता। दूसरी ओर मसूद खान अक्सर आतंकवादियों को समर्थन देते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि अमेरिका जब एक समय खतरनाक दुश्मन रहे तालिबान से बात कर सकता है तो उसे अमेरिकी जेल में बंद आफिया सिद्दकी की रिहाई के लिए भी रास्ता निकालना चाहिए।
आफिया सिद्दकी लेडी अलकायदा के नाम से कुख्यात है। मसूद खान भारतीय सेना द्वारा मारे गए आतंकी बुरहान बानी को भी हीरो बता चुके हैं। जैश सरगना मसूद अजहर को यूएन में बैन कराने के भारतीय प्रयासों को नाकाम करने के लिए उन्होंने चीन के साथ मिलकर काम किया था। मसूद खान को इमरान खान ने उनके भारत विरोधी और मोदी विरोधी रुख के कारण ही चुना है।
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पाकिस्तान ने मसूद खान को राजदूत के रूप नामित किया, बाइडेन प्रशासन ने अब तक नहीं दी मंजूरी