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 यूपी विस चुनाव-पहले चरण में 25 प्रतिशत अपराधी तो 48 फीसद करोड़पति ठोक रहे ताल

 यूपी विस चुनाव-पहले चरण में 25 प्रतिशत अपराधी तो 48 फीसद करोड़पति ठोक रहे ताल

लखनऊ । यूपी की सत्ता पर काबिज होने के लिए राजनीतिक दलों साम-दाम-दण्ड-भेद सारे जतन कर रहे हैं। यही वजह है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को भी दरकिना कर आपराधिक प्रवृत्ति के लोंगो को राजनीतिक दल प्रत्याशी बनाने से नहीं चूक रहे हैं। एडीआर द्वारा पहले चरण के चुनाव में विभिन्न दलों के बैनर तले विधानसभा चुनाव लड़ रहे 623 में से 615 उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत किए गए शपथ पत्रों की जांच में 25 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं 48 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं। 
सबसे अधिक आपराधिक मामले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों पर दर्ज हैं उसके बाद क्रमशः आरएलडी, बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी व आप पार्टी है। एडीआर के मुताबिक, जांच किए गए 615 शपथ पत्रों में 156 उम्मीदवारों यानि 25 प्रतिशत ने अपने ऊपर आपराधिक मामले स्वीकार किए हैं, जिनमें 20 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। दलवार विवरण की बात करें तो सपा के 28 में से 21 उम्मीदवारों पर यानि 75 प्रतिशत, आरएलडी के 29 में से 17 पर यानि 59 प्रतिशत, बीजेपी के 57 में से 29 यानि 51 प्रतिशत, कांग्रेस के 58 में से 21 यानि 36 प्रतिशत, बीएसपी के 56 में से 19 यानि 34 प्रतिशत व आप पार्टी के 52 में से 8 यानि 15 प्रतिशत पर आपराधिक मामले चलने की पुष्टि एडीआर ने की है। 
इन्हीं उम्मीदवारों में 12 के ऊपर महिलाओं पर अत्याचार करने के मामलों की पुष्टि हुयी जबकि एक ने स्वयं पर दुराचार का मामला चलने की जानकारी शपथ पत्र में दी है। दूसरी ओर छह उम्मीदवारों पर हत्या जैसे जघन्य अपराध के जबकि 30 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। एडीआर का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी राजनीतिक दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होने फिर से आपराधिक मामलों वाले 25 प्रतिशत उम्मीवारों को टिकट देने की पुरानी परिपाटी को ही अपनाया। वहीं एडीआर ने 615 उम्मीदवारों के शपथ पत्र के अवलोकन के बाद बताया है कि 280 उम्मीदवार यानि 48 प्रतिशत करोड़पति हैं। दूसरी ओर पहले चरण के चुनाव में 35 प्रतिशत उम्मीदवार युवा हैं जबकि 12 प्रतिशत वरिष्ठों की श्रेणी में आते हैं। 
 

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