मुंबई । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में केंद्र सरकार विमान ईंधन (एटीएफ) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के मुद्दे पर चर्चा करेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं। एक जुलाई 2017 को जब जीएसटी प्रणाली लागू की गई थी तब केंद्र और राज्यों के दर्जनभर से अधिक लेवी, पांच जिंस- कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ इसके दायरे से बाहर रखे गए थे। सीतारमण ने हाल ही में एसोचैम के साथ बजट-बाद परिचर्चा में कहा कि एटीएफ को जीएसटी में शामिल करने के बारे में आखिरी फैसला परिषद लेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल केंद्र के हाथों में नहीं है, इसे जीएसटी परिषद के पास भेजा जाएगा। परिषद की अगली बैठक के विषयों में इसे शामिल किया जाएगा ताकि इस पर चर्चा हो सके। वित्त मंत्री स्पाइसजेट के संस्थापक अजय सिंह के विचारों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं जिनमें सिंह ने एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से समर्थन मांगा था। सिंह ने कहा था कि तेल 90 डॉलर पर पहुंच गया, डॉलर के मुकाबले रुपया 75 के स्तर पर है, ऐसे में नागर विमानन क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए आपका समर्थन बहुत मददगार होगा। अभी केंद्र सरकार एटीएफ पर उत्पाद कर लगाती है जबकि राज्य सरकारों इस पर वैट लगाती हैं। तेल की बढ़ती कीमतों के कारण ये कर भी बढ़ाए गए हैं।
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जीएसटी के दायरे में आ सकता है विमान ईधन