नई दिल्ली । कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर विवाद जारी है। वहीं दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां हिजाब पहनने या पूरा चेहरा ढकने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। यूरोपीय देश सुरक्षा कारणों का हवाला देकर रोक लगाने में सबसे आगे हैं। कुछ मुस्लिम बहुल देश भी इस श्रेणी में शामिल हैं। फ्रांस खेलों के दौरान हिजाब पहनने पर रोक लगाने की तैयारी कर रहा है। फ्रांस पहला यूरोपीय देश है जिसने 2004 में स्कूलों में धर्म को परिभाषित करने वाले कपड़ों के पहनने पर रोक लगाई। सरकार ने 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब या पूरा चेहरा ढकने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। राष्ट्रपित रहे निकोलस सर्कोजी ने बयान दिया कि हिजाब पहनने वालों या पूरा चेहरा ढकने वालों का फ्रांस में स्वागत नहीं। फ्रांस में हिजाब पहनने या पूरा चेहरा ढकने पर करीब 13 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। महिला को हिजाब पहनने या चेहरा ढकने के लिए बाध्य करने वाले पर करीब 26 लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। रूस के स्त्रावरोपूल क्षेत्र ने 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया था। मामला 2013 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने फैसले को सही ठहराया। इसी तरह स्विट्जरलैंड में भी पूरा चेहरा ढकने के नियम पर रोक की तैयारी चल रही है। बेल्जियम ने 2011 में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया। इसी तरह पड़ोसी मुल्क नीदरलैंड ने भी इसी समय कुछ सार्वजनिक स्थानों जिसमें स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक परिवहन और सरकारी भवनों में हिजाब या चेहरा ढकने की प्रथा पर रोक लगा दी।
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सीरिया और इजिप्ट जैसे मुस्लिम देशों के विश्वविद्यालयों में भी चेहरा ढकने पर प्रतिबंध जुर्माने के भी प्रावधान