पटना । बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में राजनीति बवाल छिड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बिहार की नीतीश सरकार पर हमले के बाद अब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता उनपर हमलावर दिख रहे हैं। जेडीयू ने कहा है कि वह पीएम मोदी की केंद्र सरकार से खैरात नहीं, अधिकार मांग रहा है। एनडीए में बीजेपी के सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी बिहार को विशेष दर्जा देने के मुद्दे पर बीजेपी का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि विशेष दर्जे का विरोध वही करेगा, जिसमें बिहारी डीएनए नहीं है। एनडीए में मचे इस बवाल पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) व कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल तंज कस रहे हैं। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र की अपनी ही सरकार से विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। क्या अमेरिका के राष्ट्रपति विशेष राज्य का दर्जा देंगे?
विदित हो कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग रखी। इसपर सदन में ही सारण के बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने उन्हें टोका। फिर सदन के बाहर बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल ने आंकड़ों के साथ विशेष राज्य के दर्जे की मांग का विरोध किया। जायसवाल ने बिहार सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाए तथा कहा कि सरकार अपनी नाकामियों के कारण बिहार का विकास नहीं कर पा रही है। जबकि, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिहार के विकास के लिए हमेशा विशेष पैकेज व सहयोग के साथ आगे रही है। बीजेपी अध्यक्ष के अपनी ही सरकार के खिलाफ इस बयान पर एनडीए में नए सिरे से विवाद शुरू हो गया है। जवाब में जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आंकड़ों के आधार पर हमला किया। कहा कि बिहार को 2018 के बाद से केंद्र की तरफ से कम राशि मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि खुद बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2022-23 के बजट से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री से विशेष राज्य के दर्जे की मांग रखी थी। क्या वे गलत थे? विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा। नीरज कुमार ने पूछा कि बीजेपी अध्यक्ष ने कैसे कह दिया कि बिहार सरकार काम नहीं कर रही है?
जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तंज कसा कि संजय जायसवाल भुलक्कड़ लगते हैं। वे भूल जाते हैं कि बिहार सरकार चलाने का दायित्व जितना जेडीयू का है, उतना ही बीजेपी का भी है। केंद्र सरकार खैरात कुछ नहीं दे रही है, बल्कि वह बिहार का अधिकार है। उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल के अनुसार बिहार को जीएसटी से फायदा हुआ तो वे यह समझ लें कि बिहार उपभोक्ता प्रधान राज्य है, इस कारण इस मामले में वह आगे है। साथ-साथ बिहार के जीएसटी में आगे रहने से केंद्र को भी बड़ा लाभ हो रहा है। उद्योग व बजट राशि खर्च नहीं होने की बात कर वे उद्योग मंत्री व वित्त मंत्री की काबिलियत पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं। एक और जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने पलटवार किया कि बीजेपी अध्यक्ष को आर्थिक सर्वेक्षण ठीक से पढ़ना चाहिए। नीतीश कुमार के प्रयास से कोरोना महासंकट के बावजूद बिहार का प्रति व्यक्ति आय लगभग 1221 रुपये सालाना बढ़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली और उनकी साख के बल पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलकर रहेगा और यह औद्योगिक प्रदेश बनेगा।
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बिहार के विशेष राज्य के दर्जे पर विवाद, जेडीयू बोली- केंद्र से खैरात नहीं, अधिकार मांग रहे